Sharada Bhujangam In Hindi
शारदा भुजंगम् (Sharada Bhujangam)एक प्रसिद्ध स्तोत्र है, जिसे महान आदि शंकराचार्य ने रचा है। यह स्तोत्र भगवती सरस्वती, जिन्हें विद्या, ज्ञान और बुद्धि की अधिष्ठात्री देवी माना जाता है, की स्तुति में समर्पित है। यह भुजंगप्रयात छंद में लिखा गया है, जो सर्प के समान लहराती गति वाला छंद है। इस छंद में लिखे जाने के कारण इसे “भुजंगम्” कहा जाता है।
शारदा भुजंगम् का महत्व
यह स्तोत्र देवी सरस्वती की महिमा और उनकी कृपा का वर्णन करता है। इसे पढ़ने और गाने से व्यक्ति को ज्ञान, विद्या, स्मरण शक्ति और बुद्धि की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही, यह स्तोत्र साधक के मन में शांति और आत्मविश्वास को भी बढ़ाता है। शारदा भुजंगम् का पाठ विद्यार्थियों, विद्वानों और ज्ञान के साधकों के लिए अत्यंत उपयोगी माना गया है।
शारदा भुजंगम् स्तोत्र
शारदा भुजंगम् में देवी सरस्वती की विभिन्न रूपों में स्तुति की गई है। इसमें उनकी करुणा, उनकी मधुर मुस्कान, और उनकी ज्ञान स्वरूपता का वर्णन मिलता है। इसके हर श्लोक में देवी को उनके विशेष गुणों और उनके वरदान स्वरूप रूप में पूजित किया गया है।
सुवक्षोजकुम्भां सुधापूर्णकुम्भां
प्रसादावलम्बां प्रपुण्यावलम्बाम्।
सदास्येन्दुबिम्बां सदानोष्ठबिम्बां
भजे शारदाम्बामजस्रं मदम्बाम्।
कटाक्षे दयार्द्रां करे ज्ञानमुद्रां
कलाभिर्विनिद्रां कलापैः सुभद्राम्।
पुरस्त्रीं विनिद्रां पुरस्तुङ्गभद्रां
भजे शारदाम्बामजस्रं मदम्बाम्।
ललामाङ्कफालां लसद्गानलोलां
स्वभक्तैकपालां यशःश्रीकपोलाम्।
करे त्वक्षमालां कनत्प्रत्नलोलां
भजे शारदाम्बामजस्रं मदम्बाम्।
सुसीमन्तवेणीं दृशा निर्जितैणीं
रमत्कीरवाणीं नमद्वज्रपाणीम्।
सुधामन्थरास्यां मुदा चिन्त्यवेणीं
भजे शारदाम्बामजस्रं मदम्बाम्।
सुशान्तां सुदेहां दृगन्ते कचान्तां
लसत्सल्लताङ्गीमनन्तामचिन्त्याम्।
स्मरेत्तापसैः सर्गपूर्वस्थितां तां
भजे शारदाम्बामजस्रं मदम्बाम्।
कुरङ्गे तुरङ्गे मृगेन्द्रे खगेन्द्रे
मराले मदेभे महोक्षेऽधिरूढाम्।
महत्यां नवम्यां सदा सामरूढां
भजे शारदाम्बामजस्रं मदम्बाम्।
ज्वलत्कान्तिवह्निं जगन्मोहनाङ्गीं
भजे मानसाम्भोजसुभ्रान्तभृङ्गीम्।
निजस्तोत्रसङ्गीतनृत्यप्रभाङ्गीं
भजे शारदाम्बामजस्रं मदम्बाम्।
भवाम्भोजनेत्राजसंपूज्यमानां
लसन्मन्दहासप्रभावक्त्रचिह्नाम्।
चलच्चञ्चलाचारुताटङ्ककर्णां
भजे शारदाम्बामजस्रं मदम्बाम्।
शारदा भुजंगम् का पाठ और लाभ – Sharada Bhujangam Benifits
- विद्या और बुद्धि की प्राप्ति: जो भी साधक इसे श्रद्धा और समर्पण के साथ पढ़ता है, उसे ज्ञान और विद्या की प्राप्ति होती है।
- स्मरण शक्ति में वृद्धि: विद्यार्थियों और ज्ञान के साधकों के लिए यह स्तोत्र अत्यंत लाभकारी है।
- मन की शांति: इसका नियमित पाठ मन को शांत और स्थिर बनाता है।
- आध्यात्मिक उन्नति: यह स्तोत्र साधक को आध्यात्मिक ऊँचाइयों तक पहुँचाने में मदद करता है।
शारदा भुजंगम् का अभ्यास
- इसे प्रातःकाल या संध्याकाल में शुद्ध वातावरण में पढ़ना उत्तम माना जाता है।
- पाठ करते समय देवी सरस्वती का ध्यान और उनकी मूर्ति या चित्र के समक्ष दीप जलाकर इसे पढ़ना चाहिए।
- साधक को अपने मन को एकाग्र कर श्रद्धा भाव के साथ पाठ करना चाहिए।