पद्मावती माता की आरती: संपूर्ण जानकारी Padmavati Mata Aarti
पद्मावती माता को हिंदू धर्म में विशेष स्थान प्राप्त है। पद्मावती माता को लक्ष्मी माता का अवतार माना जाता है, और वह धन, समृद्धि और सौभाग्य की देवी हैं। उनका प्रमुख मंदिर तिरुपति बालाजी के निकट तिरुचाणूर में स्थित है, जिसे श्री पद्मावती अम्मावरु मंदिर के नाम से जाना जाता है। यहाँ माता के भक्त बड़ी श्रद्धा और भक्ति के साथ उनकी आराधना करते हैं।
पद्मावती माता की महिमा
पद्मावती माता को ‘पद्म’ यानि कमल से जोड़ा जाता है, क्योंकि वे कमल के फूल पर आसीन रहती हैं। यह कमल सौंदर्य, शांति, और आध्यात्मिक विकास का प्रतीक है। मान्यता है कि जो भक्त पद्मावती माता की सच्ची श्रद्धा से आरती करते हैं, उनकी हर मनोकामना पूरी होती है। माता पद्मावती, भगवान विष्णु के अवतार श्री वेंकटेश्वर (बालाजी) की पत्नी हैं। तिरुपति जाने वाले अधिकांश भक्त माता पद्मावती के दर्शन के बिना अपनी यात्रा को अधूरा मानते हैं।
पद्मावती माता की आरती का महत्व
पद्मावती माता की आरती से घर में सुख-समृद्धि, शांति और आर्थिक प्रगति आती है। ऐसा माना जाता है कि माता की आरती करने से दरिद्रता और नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है। उनकी आरती करने से मन को शांति मिलती है और जीवन में समृद्धि का आगमन होता है।
आरती का समय और विधि
पद्मावती माता की आरती सामान्यतः प्रातः और संध्या काल में की जाती है। सुबह और शाम के समय माता की आराधना और आरती करना अत्यंत फलदायी माना जाता है। आरती करने से पहले माता को पुष्प, चंदन, धूप, दीपक और प्रसाद अर्पित किया जाता है। इसके बाद भक्त सामूहिक रूप से या व्यक्तिगत रूप से आरती गाते हैं।
पद्मावती माता की आरती (हिन्दी में) Padmavati Mata Ni Aarti
जय पद्मावती माता, जय पद्मावती माता।
तुमको निशदिन ध्यावत, हरि विष्णु विधि ज्ञाता।। जय…
ब्रह्माणी, रुद्राणी, कमला तू ही है सबकी माता।
सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता।। जय…
हरि विष्णु को तुम भाती, हरि पद निरखती रहती।
हरि का रूप निरखकर, जगमग ज्योति बरसाती।। जय…
तुम्हरी महिमा बडी, जो कोई नर गुण गावे।
कहै सत्यानन्द स्वामी, सुख-सम्पत्ति पावे।। जय…
पद्मावती माता की आरती के लाभ
- धन और समृद्धि: माता लक्ष्मी का स्वरूप होने के कारण, उनकी आरती करने से धन और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
- सुख और शांति: आरती करने से मानसिक शांति मिलती है और घर में सुख-शांति का वातावरण बना रहता है।
- पारिवारिक समृद्धि: परिवार में सद्भावना और आपसी प्रेम बढ़ता है।
- दुःख और बाधाओं का नाश: आरती से जीवन की समस्याओं और कठिनाइयों का समाधान मिलता है।