36.1 C
Gujarat
शुक्रवार, अक्टूबर 18, 2024

अगस्त्यकृतम् शिवस्तोत्रम्

Post Date:

अगस्त्यकृतम् शिवस्तोत्रम् Agasthyakritam Shivastotram

अद्य मे सफलं जन्म चाद्य मे सफलं तपः ।
अद्य मे सफलं ज्ञानं शंभो त्वत्पाददर्शनात् ॥१॥

कृतार्थोऽहं कृतार्थोऽहं कृतार्थोऽहं महेश्वर ।
अद्य ते पादपद्मस्य दर्शनात् भक्तवत्सल ॥२॥

शिवः शंभुः शिवः शंभुः शिवः शंभुः शिवः शिवः ।
इति व्याहरतो नित्यं दिनान्यायान्तु यान्तु मे ॥३॥

शिवे भक्तिः शिवे भक्तिः शिवे भक्तिर्भिवे भवे ।
सदा भूयात् सदा भूयात् सदा भूयात् सुनिश्चला ॥४॥

वयं धन्या वयं धन्या वयं धन्या जगत्त्रये ।
आदिदेवो महादेवो यदस्मत् कुलदैवतम् ॥५॥

हर शंभो महादेव विश्वेशामरवत्सल ।
शिवशंकर सर्वात्मन् नीलकण्ठ नमोऽस्तु ते ॥६॥

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

Share post:

Subscribe

Popular

More like this
Related

आदित्य हृदय स्तोत्र Aditya Hridaya Stotra

आदित्य हृदय स्तोत्र Aditya Hridaya Stotraआदित्य हृदय स्तोत्र संस्कृत...

गणाध्यक्ष स्तोत्रं Ganaadhyaksha Stotram

ईक्ष्वाकुकृत गणाध्यक्ष स्तोत्रं - भरद्वाज उवाच  Ikshvakukrita Ganaadhyaksha Stotram कथं...

शंकरादिकृतं गजाननस्तोत्रम् Shankaraadi Kritam Gajanan Stotram

शंकरादिकृतं गजाननस्तोत्रम् - देवा ऊचुः  Shankaraadi Kritam Gajanan Stotram गजाननाय...

गजानन स्तोत्र देवर्षय ऊचुः Gajanan Stotra

गजानन स्तोत्र - देवर्षय ऊचुः Gajanan Stotraगजानन स्तोत्र: देवर्षय...
error: Content is protected !!