सुन्यो तेरो पतितपावन नाम – प्रार्थना
Sunyo Tero Patitapaavan Naam Lyrics
सुन्यो तेरो पतितपावन नाम !
अजामिले से पतितकों तैं दियो अपनो धाम ।।
ब्याधे-खगै-मृर्गे जे रहे नित धरमतें उपराम ।
किये पावन अति पतित ते, भये पूरनकाम ||
कठिन कलिके काल अपि तारे अनेक कुठाम ।
धरमहीन, मलीन, पातक निरत आठों जाम ।।
पाप करत उछाह जुत, मम मन न लीन्ह बिराम ।
तदपि अजहुँ न मोहि तारयो, किमि बिसारथो नाम ।।



