22.3 C
Gujarat
रविवार, फ़रवरी 23, 2025

प्रार्थना – माया तेरी अपार

Post Date:

माया तेरी अपार

माया है तेरी अपार माया पार नहीं कोई पाता है।
राई को पर्वत पर्वत को राई देय बनाय ।
नीचे को ऊंचा ऊंचे को नीचे देय गिराय ॥
जो चाहे कर दिखलाता है । माया० ॥

नादानों को दाना करदे दाना को नादान ।
पलभर भी नहीं लगे बनादे निर्धन को धनवान ॥
इसी से नाम विधाता है । माया० ॥

बीरानों को बस्ती करदे बस्ती को बीरान ।
सुलतानों को चोर बनादे चोरों को सुलतान ॥
दनि बन्धु कहलाता है । माया० ॥

व्यापक जीव चराचर सबमें निराकार साकार ।
बिना तेरी मरजी के हरगिज पत्ता हिलेन डार ॥
तुही घट घट में पाता है । माया० ॥

Share post:

Subscribe

Popular

More like this
Related

Lakshmi Shataka Stotram

Lakshmi Shataka Stotramआनन्दं दिशतु श्रीहस्तिगिरौ स्वस्तिदा सदा मह्यम् ।या...

आज सोमवार है ये शिव का दरबार है

आज सोमवार है ये शिव का दरबार है -...

वाराही कवचम्

Varahi Kavachamवाराही देवी(Varahi kavacham) दस महाविद्याओं में से एक...

श्री हनुमत्कवचम्

Sri Hanumatkavachamश्री हनुमत्कवचम्(Sri Hanumatkavacham) एक अत्यंत प्रभावशाली स्तोत्र है...