मंगलमय गणेश – प्रार्थना
मंगलमय मंगल सदन, मंगल बदन गणेश ।
मंगल युत मंगल करन, हरन अमँगल वेश॥
भव भय भजन भक्ति प्रिय, भरताग्रज भगवान ।
भक्त मुक्ति प्रद भानुकुल, भूषण द्रवहु सुजान ॥
सीतापति सुन्दर शुभका, सत्य सिन्धु सुखधाम ।
सर्वोपरि संशय शमन, देहु दर्श दुत राम ॥
जल थल पावक अनिल में, व्यापक तुम करतार ।
तब पद पंकज भजन नर होत भवोदधि पार ॥
तुम बिन यहि सँसार में. कौन हमारो राम ।
पद अम्भारुह भक्ति दे. कीजै पूरण काम ||