मंगलाचरण
करो ईश्वर का सब मिल ध्यान ।
जगदाधार जगत के स्वामी, अंतर्यामी जान ॥
जिनके ध्यान धरत ऋषि मुनि, पाते पद निर्वान ।
करो ईश्वर का सब मिल ध्यान ॥
अलख अगोचर अविनाशी, घट घट बासी पहचान ।
बुद्धि प्रदायक सदा सहायक, सुख दायक भगवान ॥
करो ईश्वर का सब मिल ध्यान ॥
दीनबन्धु सब कर्ता धर्ता, हर्ता कष्ट महान ।
जिसने अपनी ही माया से, पैदा किया जहान ।।
करो ईश्वर का सब मिल ध्यान ॥
गुण गाओ सच्चिदानन्द के. भाषत वेद पुरान ।
राधेश्याम कभी तो प्रभु के, भनक पडेगी कान ||
करो ईश्वर का सब मिल ध्यान ॥