26.5 C
Gujarat
मंगलवार, नवम्बर 4, 2025

भज रघुनन्दन – प्रार्थना

Post Date:

भज रघुनन्दन असुर निकन्दन त्रिभुवन बंदन विश्वपतिम् ।
मुनिजन मानस हंस मनोहर सर्वाधार विशुद्ध मतिम् ॥


मय्यादा पुरुषोत्तम सत्तम निंदन कोटि अनंग छविम ।
ज्ञानगम्य अतिरम्य रमेसं भासित दीप्ति अनेक रविम् ॥


ब्रह्मण्यं विज्ञान निधानं सत्य प्रतिज्ञ कृपानिलय |
आगम निगम प्रथा संस्थापन धर्म धुरन्धुर बर अजयम् ॥


शरणागत वत्सल मंगलमय दुरितक्षयं गुण गंभीरम् ।
शांत सरण सर्वज्ञ सुखाकर जने प्रण पालन रणवीरम् ॥


भुक्ति मुक्ति दायक अद्वैतं अनवद्यं अनघं रामम् ।
रट मणिलाल निरंतर हितयुत नीलांबुज इवतन श्यामम् ॥


भज रघुनन्दन असुर निकन्द त्रिभुवनन बन्दन विश्वपतिम् ॥

Share post:

Subscribe

Popular

More like this
Related

धन्वन्तरिस्तोत्रम् | Dhanvantari Stotram

धन्वन्तरिस्तोत्रम् | Dhanvantari Stotramॐ नमो भगवते धन्वन्तरये अमृतकलशहस्ताय,सर्वामयविनाशनाय, त्रैलोक्यनाथाय...

दृग तुम चपलता तजि देहु – Drg Tum Chapalata Taji Dehu

दृग तुम चपलता तजि देहु - राग हंसधुन -...

हे हरि ब्रजबासिन मुहिं कीजे – He Hari Brajabaasin Muhin Keeje

 हे हरि ब्रजबासिन मुहिं कीजे - राग सारंग -...

नाथ मुहं कीजै ब्रजकी मोर – Naath Muhan Keejai Brajakee Mor

नाथ मुहं कीजै ब्रजकी मोर - राग पूरिया कल्याण...
error: Content is protected !!