18.5 C
Gujarat
रविवार, दिसम्बर 21, 2025

भज रघुनन्दन – प्रार्थना

Post Date:

भज रघुनन्दन असुर निकन्दन त्रिभुवन बंदन विश्वपतिम् ।
मुनिजन मानस हंस मनोहर सर्वाधार विशुद्ध मतिम् ॥


मय्यादा पुरुषोत्तम सत्तम निंदन कोटि अनंग छविम ।
ज्ञानगम्य अतिरम्य रमेसं भासित दीप्ति अनेक रविम् ॥


ब्रह्मण्यं विज्ञान निधानं सत्य प्रतिज्ञ कृपानिलय |
आगम निगम प्रथा संस्थापन धर्म धुरन्धुर बर अजयम् ॥


शरणागत वत्सल मंगलमय दुरितक्षयं गुण गंभीरम् ।
शांत सरण सर्वज्ञ सुखाकर जने प्रण पालन रणवीरम् ॥


भुक्ति मुक्ति दायक अद्वैतं अनवद्यं अनघं रामम् ।
रट मणिलाल निरंतर हितयुत नीलांबुज इवतन श्यामम् ॥


भज रघुनन्दन असुर निकन्द त्रिभुवनन बन्दन विश्वपतिम् ॥

Share post:

Subscribe

Popular

More like this
Related

गोकुल अष्टकं

गोकुल अष्टकं - Shri Gokul Ashtakamश्रीमद्गोकुलसर्वस्वं श्रीमद्गोकुलमंडनम् ।श्रीमद्गोकुलदृक्तारा श्रीमद्गोकुलजीवनम्...

अष्टादश शक्तिपीठ स्तोत्रम्

अष्टादश शक्तिपीठ स्तोत्रम्अष्टादश शक्तिपीठ स्तोत्रम् एक अत्यंत पवित्र...

लक्ष्मी शरणागति स्तोत्रम्

लक्ष्मी शरणागति स्तोत्रम्लक्ष्मी शरणागति स्तोत्रम् (Lakshmi Sharanagati Stotram) एक...

विष्णु पादादि केशांत वर्णन स्तोत्रं

विष्णु पादादि केशांत वर्णन स्तोत्रंलक्ष्मीभर्तुर्भुजाग्रे कृतवसति सितं यस्य रूपं...
error: Content is protected !!