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मंगलवार, अक्टूबर 14, 2025

सङ्कटनाश विष्णु स्तोत्रम्

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सङ्कटनाश विष्णु स्तोत्रम् (पद्मपुराणांतर्गतम्) Sankasht Nashan Vishnu Stotram Lyrics

नमो मत्स्यकूर्मादिनानास्वरूपैः
सदा भक्तकार्योद्यतायार्तिहन्त्रे ।
विधात्रादिसर्गस्थितिध्वंसकर्त्रे
गदाशंखपद्मारिहस्ताय तेऽस्तु ॥१॥

रमावल्लभायाऽसुराणां निहर्त्रे
भुजङ्गारियानाय पीताम्बराय ।
मखादिक्रियापाककर्त्रेऽघहर्त्रे
शरण्याय तस्मै नताः स्मॊ नताः स्मः ॥२॥

नमो दैत्यसन्तापितामर्त्यदुःखा-
चलध्वंसदंभोलयेविष्णवे ते ।
भुजङ्गेशतल्पेशयायार्कचन्द्र-
द्विनेत्राय तस्मै नताः स्मॊ नताः स्मः ॥३॥


सङ्कटनाशनं नाम स्तॊत्रमेतत् पठेन्नरः ।
स कदाचिन्न सङ्कष्टैः पीड्यते कृपया हरेः ॥४॥

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