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मंगलवार, नवम्बर 4, 2025

स्यामने मुरली मधुर बजाई | Syam ne Murali Madhur Bajae

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स्यामने मुरली मधुर बजाई

Syam ne Murali Madhur Bajae Lyrics

स्यामने मुरली मधुर बजाई ।

सुनत टेर, तनु सुधि बिसारि सब गोपनालिका धाई ।।

लहँगा ओदि, ओढ़ना पहिरे, कंचुकि भूलि पराई ।

नकबेसर डारे स्रवननमहूँ, अदभुत साज सजाई ।।

धेनु सकल तृन चरन बिसारयो ठाढ़ी स्रषन लगाई ।

बलुरनके थन रहे मुखनमहँ सो पय-पान भुलाई ।।

पसु-पंछी जहँ-तहँ रहे ठाढ़े मानो चित्र लिखाई ।

पेड़ पहाड़ प्रेमबस डोले, जड़ चेतनता आई ।।

कालिंदी-प्रबाह नहिं चाल्यो, जलचर सुधि बिसराई ।

ससिकी गति अवरुद्ध, रहे नभ देव बिमानन छाई ।।

धन्य बाँसकी बनी मुरलिया बड़ो पुन्य करि आई ।

सुर-मुनि दुरलभ रुचिर बदन नित राखत स्याम लगाई ।।

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