Sri Venkatesha Mangalasasanam
श्री वेङ्कटेश मङ्गलाशासनम् एक प्रसिद्ध संस्कृत स्तोत्र है, जिसमें भगवान वेङ्कटेश्वर (श्रीनिवास/बालाजी) की स्तुति की गई है। यह स्तोत्र विशेष रूप से तिरुपति स्थित श्री वेङ्कटेश्वर मंदिर के भक्तों द्वारा श्रद्धा के साथ गाया जाता है।
श्री वेङ्कटेश मङ्गलाशासनम् रचनाकार
यह स्तोत्र आचार्य श्री रामानुज तथा आलवार भक्तों की रचनाओं से प्रेरित है। श्री रामानुज, जो विष्णु भक्त परंपरा के महान आचार्य थे, उन्होंने श्री वेङ्कटेश्वर की भक्ति को सर्वोच्च स्थान दिया।
श्री वेङ्कटेश मङ्गलाशासनम् महत्त्व एवं लाभ
- आध्यात्मिक उन्नति – यह स्तोत्र भक्तों में भक्ति की भावना को प्रबल करता है।
- सकारात्मक ऊर्जा – भगवान वेङ्कटेश्वर का मङ्गलाशासन करने से मन को शांति मिलती है।
- कृपा प्राप्ति – तिरुपति मंदिर में इस स्तोत्र का पाठ करने से श्री वेङ्कटेश्वर की विशेष कृपा मानी जाती है।
- मोक्ष प्राप्ति – वैष्णव परंपरा के अनुसार, इसका पाठ करने से जन्म-मरण के चक्र से मुक्ति मिलती है।
Sri Venkatesha Mangalasasanam
श्रियः कान्ताय कल्याणनिधये निधयेऽर्थिनाम् ।
श्रीवेङ्कट निवासाय श्रीनिवासाय मङ्गलम् ॥ 1 ॥
लक्ष्मी सविभ्रमालोक सुभ्रू विभ्रम चक्षुषे ।
चक्षुषे सर्वलोकानां वेङ्कटेशाय मङ्गलम् ॥ 2 ॥
श्रीवेङ्कटाद्रि शृङ्गाग्र मङ्गलाभरणाङ्घ्रये ।
मङ्गलानां निवासाय श्रीनिवासाय मङ्गलम् ॥ 3 ॥
सर्वावयव सौन्दर्य सम्पदा सर्वचेतसाम् ।
सदा सम्मोहनायास्तु वेङ्कटेशाय मङ्गलम् ॥ 4 ॥
नित्याय निरवद्याय सत्यानन्द चिदात्मने ।
सर्वान्तरात्मने श्रीमद्-वेङ्कटेशाय मङ्गलम् ॥ 5 ॥
स्वत स्सर्वविदे सर्व शक्तये सर्वशेषिणे ।
सुलभाय सुशीलाय वेङ्कटेशाय मङ्गलम् ॥ 6 ॥
परस्मै ब्रह्मणे पूर्णकामाय परमात्मने ।
प्रयुञ्जे परतत्त्वाय वेङ्कटेशाय मङ्गलम् ॥ 7 ॥
आकालतत्त्व मश्रान्त मात्मना मनुपश्यताम् ।
अतृप्त्यमृत रूपाय वेङ्कटेशाय मङ्गलम् ॥ 8 ॥
प्रायः स्वचरणौ पुंसां शरण्यत्वेन पाणिना ।
कृपयाऽऽदिशते श्रीमद्-वेङ्कटेशाय मङ्गलम् ॥ 9 ॥
दयाऽमृत तरङ्गिण्या स्तरङ्गैरिव शीतलैः ।
अपाङ्गै स्सिञ्चते विश्वं वेङ्कटेशाय मङ्गलम् ॥ 10 ॥
स्रग्-भूषाम्बर हेतीनां सुषमाऽऽवहमूर्तये ।
सर्वार्ति शमनायास्तु वेङ्कटेशाय मङ्गलम् ॥ 11 ॥
श्रीवैकुण्ठ विरक्ताय स्वामि पुष्करिणीतटे ।
रमया रममाणाय वेङ्कटेशाय मङ्गलम् ॥ 12 ॥
श्रीमत्-सुन्दरजा मातृमुनि मानसवासिने ।
सर्वलोक निवासाय श्रीनिवासाय मङ्गलम् ॥ 13 ॥
मङ्गला शासनपरैर्-मदाचार्य पुरोगमैः ।
सर्वैश्च पूर्वैराचार्यैः सत्कृतायास्तु मङ्गलम् ॥ 14 ॥
श्री पद्मावती समेत श्री श्रीनिवास परब्रह्मणे नमः
श्री वेङ्कटेश मङ्गलाशासनम् भक्तों के लिए एक अत्यंत प्रभावशाली स्तोत्र है, जो भगवान श्रीनिवास की असीम कृपा को आकर्षित करता है। यह न केवल वैष्णव भक्तों के लिए बल्कि सभी श्रद्धालु भक्तों के लिए अत्यंत कल्याणकारी है।