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गुरूवार, अक्टूबर 30, 2025

श्री कुमार कवचम्

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Sri Kumara Kavacham

श्री कुमार कवचम् एक शक्तिशाली स्तोत्र है, जो भगवान कार्तिकेय (स्कंद, मुरुगन, सुब्रमण्य) को समर्पित है। यह कवच भक्तों को सभी प्रकार के संकटों से सुरक्षा प्रदान करता है और शत्रुओं पर विजय दिलाने में सहायक माना जाता है। यह विशेष रूप से तमिलनाडु, केरल और दक्षिण भारत में अत्यंत लोकप्रिय है, जहाँ भगवान मुरुगन की व्यापक रूप से पूजा की जाती है।

यह कवच अनेक पुराणों और तंत्र ग्रंथों में वर्णित है। विशेष रूप से, स्कंद पुराण और अन्य ग्रंथों में भगवान कार्तिकेय के विभिन्न रूपों और उनकी शक्तियों का उल्लेख मिलता है। श्री कुमार कवचम् में भगवान कार्तिकेय की महिमा का वर्णन किया गया है और उनके विभिन्न नामों का जाप करने से अद्भुत प्रभाव प्राप्त होते हैं।

श्री कुमार कवचम् का पाठ करने के लाभ

  1. शत्रुओं पर विजय – यह कवच शत्रुओं से सुरक्षा प्रदान करता है और व्यक्ति को निर्भय बनाता है।
  2. स्वास्थ्य रक्षा – इस कवच के नियमित पाठ से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
  3. कार्य में सफलता – यह स्तोत्र व्यापार, नौकरी और जीवन में उन्नति के लिए अत्यंत प्रभावी माना जाता है।
  4. दुर्घटनाओं से सुरक्षा – इस कवच का नित्य पाठ करने से दुर्घटनाओं और अकाल मृत्यु से रक्षा होती है।
  5. नकारात्मक ऊर्जा से बचाव – यह कवच बुरी शक्तियों और दुष्ट आत्माओं से सुरक्षा प्रदान करता है।
  6. बुद्धि और साहस में वृद्धि – इस स्तोत्र का पाठ करने से व्यक्ति की स्मरण शक्ति, बुद्धि और आत्मबल में वृद्धि होती है।

पाठ विधि

  • श्री कुमार कवचम् का पाठ प्रातः स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण कर, भगवान कार्तिकेय के चित्र या मूर्ति के सामने करना चाहिए।
  • लाल पुष्प, चंदन और गुड़हल का फूल अर्पित करें।
  • घी का दीपक जलाकर भगवान कार्तिकेय की स्तुति करें।
  • संकल्प लेकर पूरे मनोभाव से पाठ करें।

श्री कुमार कवचम्

ॐ नमो भगवते भवबंधहरणाय, सद्भक्तशरणाय, शरवणभवाय, शांभवविभवाय, योगनायकाय, भोगदायकाय, महादेवसेनावृताय, महामणिगणालंकृताय, दुष्टदैत्य संहार कारणाय, दुष्क्रौंचविदारणाय, शक्ति शूल गदा खड्ग खेटक पाशांकुश मुसल प्रास तोमर वरदाभय करालंकृताय, शरणागत रक्षण दीक्षा धुरंधर चरणारविंदाय, सर्वलोकैक हर्त्रे, सर्वनिगमगुह्याय, कुक्कुटध्वजाय, कुक्षिस्थाखिल ब्रह्मांड मंडलाय, आखंडल वंदिताय, हृदेंद्र अंतरंगाब्धि सोमाय, संपूर्णकामाय, निष्कामाय, निरुपमाय, निर्द्वंद्वाय, नित्याय, सत्याय, शुद्धाय, बुद्धाय, मुक्ताय, अव्यक्ताय, अबाध्याय, अभेद्याय, असाध्याय, अविच्छेद्याय, आद्यंत शून्याय, अजाय, अप्रमेयाय, अवाङ्मानसगोचराय, परम शांताय, परिपूर्णाय, परात्पराय, प्रणवस्वरूपाय, प्रणतार्तिभंजनाय, स्वाश्रित जनरंजनाय, जय जय रुद्रकुमार, महाबल पराक्रम, त्रयस्त्रिंशत्कोटि देवतानंदकंद, स्कंद, निरुपमानंद, मम ऋणरोग शतृपीडा परिहारं कुरु कुरु, दुःखातुरुं ममानंदय आनंदय, नरकभयान्मामुद्धर उद्धर, संसृतिक्लेशसि हि तं मां संजीवय संजीवय, वरदोसि त्वं, सदयोसि त्वं, शक्तोसि त्वं, महाभुक्तिं मुक्तिं दत्वा मे शरणागतं, मां शतायुषमव, भो दीनबंधो, दयासिंधो, कार्तिकेय, प्रभो, प्रसीद प्रसीद, सुप्रसन्नो भव वरदो भव, सुब्रह्मण्य स्वामिन्, ॐ नमस्ते नमस्ते नमस्ते नमः ॥

इति कुमार कवचम् ।

श्री कुमार कवचम् भगवान कार्तिकेय की कृपा प्राप्त करने के लिए अत्यंत प्रभावी स्तोत्र है। इसका नित्य पाठ करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और हर प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिलती है। यह भक्तों को निर्भय, साहसी और सफलता प्राप्त करने योग्य बनाता है।

ओम् श्री कार्तिकेयाय नमः!

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