ऋण विमोचन अंगारक स्तोत्रम् एक अत्यधिक महत्वपूर्ण और प्रभावशाली स्तोत्र माना जाता है, जिसे विशेष रूप से ऋणों (कर्ज) से मुक्ति पाने और आर्थिक समस्याओं के समाधान के लिए पढ़ा जाता है। इस स्तोत्र का संबंध भगवान मंगल (अंगारक) से है, जिन्हें ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों में एक महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। मंगल ग्रह को युद्ध, साहस, शक्ति और उग्रता का प्रतीक माना जाता है, लेकिन जब यह प्रतिकूल प्रभाव में होता है, तो आर्थिक संकट, ऋण और मानसिक तनाव जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
अंगारक का महत्व: Importance of Angarak
अंगारक नाम मंगल ग्रह का एक अन्य नाम है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मंगल ग्रह को व्यक्ति की जन्म कुंडली में स्थान के आधार पर अलग-अलग फल प्रदान करता है। यदि मंगल अशुभ स्थान पर स्थित हो, तो व्यक्ति को जीवन में आर्थिक कठिनाइयाँ, ऋण से जुड़ी समस्याएँ, और उग्रता का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में इस स्तोत्र का नियमित पाठ अत्यधिक लाभकारी माना जाता है।
ऋण विमोचन अंगारक स्तोत्रम् का उद्देश्य:
इस स्तोत्र का प्रमुख उद्देश्य व्यक्ति को कर्ज से मुक्त करना और उसे आर्थिक समृद्धि प्रदान करना है। इस स्तोत्र के माध्यम से भगवान मंगल की कृपा प्राप्त होती है और जीवन की आर्थिक चुनौतियों से निजात पाने में सहायता मिलती है।
ऋण विमोचन अंगारक स्तोत्रम् का पाठ विधि: Recitation method of Debt Release Angarak Stotram
- इस स्तोत्र का पाठ मंगल ग्रह की प्रसन्नता के लिए किया जाता है, अतः इसे मंगलवार के दिन करना अत्यधिक शुभ माना जाता है।
- सुबह स्नान आदि करने के बाद, शुद्ध वस्त्र धारण करें और भगवान मंगल की मूर्ति या चित्र के समक्ष दीपक जलाएं।
- मन में सच्ची श्रद्धा और विश्वास के साथ इस स्तोत्र का पाठ करें।
- पाठ के पश्चात् भगवान मंगल से अपने ऋण मुक्ति और आर्थिक समृद्धि की प्रार्थना करें।
- इसे नियमित 21 या 40 दिन तक करना बहुत ही प्रभावी माना जाता है।
ऋण विमोचन अंगारक स्तोत्रम् के लाभ: Benefits of Debt Release Angarak Stotram
- यह स्तोत्र कर्ज से मुक्ति दिलाने में सहायक होता है।
- आर्थिक समस्याओं का समाधान और धन की कमी दूर करने में सहायता करता है।
- मानसिक शांति प्रदान करता है और व्यक्ति को आत्मविश्वास से भर देता है।
- व्यक्ति की कुंडली में स्थित मंगल दोष के प्रभाव को कम करने में मदद करता है।
ऋण विमोचन अंगारक स्तोत्रम् का पाठ
अथ ऋणग्रस्तस्य ऋणविमोचनार्थं अङ्गारकस्तोत्रम्।
स्कन्द उवाच –
ऋणग्रस्तनराणां तु ऋणमुक्तिः कथं भवेत्।
ब्रह्मोवाच –
वक्ष्येऽहं सर्वलोकानां हितार्थं हितकामदम्।
अस्य श्री अङ्गारकमहामन्त्रस्य गौतम-ऋषिः। अनुष्टुप् छन्दः।
अङ्गारको देवता। मम ऋणविमोचनार्थे अङ्गारकमन्त्रजपे विनियोगः
ध्यानम् –
रक्तमाल्याम्बरधरः शूलशक्तिगदाधरः।
चतुर्भुजो मेषगतो वरदश्च धरासुतः।
मङ्गलो भूमिपुत्रश्च ऋणहर्ता धनप्रदः।
स्थिरासनो महाकायो सर्वकामफलप्रदः।
लोहितो लोहिताक्षश्च सामगानां कृपाकरः।
धरात्मजः कुजो भौमो भूमिदो भूमिनन्दनः।
अङ्गारको यमश्चैव सर्वरोगापहारकः।
सृष्टेः कर्ता च हर्ता च सर्वदेशैश्च पूजितः।
एतानि कुजनामानि नित्यं यः प्रयतः पठेत्।
ऋणं न जायते तस्य श्रियं प्राप्नोत्यसंशयः।
अङ्गारक महीपुत्र भगवन् भक्तवत्सल।
नमोऽस्तु ते ममाशेषमृणमाशु विनाशय।
रक्तगन्धैश्च पुष्पैश्च धूपदीपैर्गुडोदनैः।
मङ्गलं पूजयित्वा तु मङ्गलाहनि सर्वदा।
एकविंशतिनामानि पठित्वा तु तदन्तिके।
ऋणरेखा प्रकर्तव्या अङ्गारेण तदग्रतः।
ताश्च प्रमार्जयेन्नित्यं वामपादेन संस्मरन्।
एवं कृते न सन्देहो ऋणान्मुक्तः सुखी भवेत्।
महतीं श्रियमाप्नोति धनदेन समो भवेत्।
भूमिं च लभते विद्वान् पुत्रानायुश्च विन्दति।
ऋण विमोचन अंगारक स्तोत्रम् पर पूछे जाने वाले प्रश्न FAQs of Runa Vimochana Angaraka Stotram
1. ऋण विमोचन अंगारक स्तोत्रम् क्या है?
ऋण विमोचन अंगारक स्तोत्रम् एक पवित्र मंत्र है जो विशेष रूप से ऋणों से मुक्ति पाने के लिए पाठ किया जाता है। इसे भगवान अंगारक (मंगल) को समर्पित किया गया है, जो ज्योतिष शास्त्र में ऋण, कर्ज, और आर्थिक समस्याओं से जुड़े ग्रह माने जाते हैं। यह स्तोत्र उन लोगों के लिए लाभकारी माना जाता है जो आर्थिक कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं और कर्ज से मुक्ति पाना चाहते हैं।
२. ऋण विमोचन अंगारक स्तोत्रम् का पाठ किस प्रकार से करना चाहिए?
इस स्तोत्र का पाठ प्रातःकाल या मंगल ग्रह के शुभ समय पर किया जाना चाहिए। इसे नियमित रूप से, विशेषकर मंगलवार के दिन, 11 बार या 21 बार पाठ करना अधिक लाभकारी माना जाता है। पाठ के दौरान भगवान अंगारक की पूजा और दीप प्रज्वलित करके ध्यान करना चाहिए। शांत मन से और श्रद्धा भाव से किया गया पाठ विशेष फलदायी होता है।
3. ऋण विमोचन अंगारक स्तोत्रम् का पाठ करने से क्या लाभ होते हैं?
इस स्तोत्र के पाठ से व्यक्ति को अपने कर्जों से मुक्ति मिलती है और आर्थिक स्थिति में सुधार होता है। इसके नियमित पाठ से मानसिक शांति प्राप्त होती है और जीवन में स्थिरता और समृद्धि का अनुभव होता है। साथ ही, इसे करने से मंगल ग्रह से जुड़ी नकारात्मक उर्जा का प्रभाव कम होता है, जिससे आर्थिक संकट दूर होते हैं।
4. क्या ऋण विमोचन अंगारक स्तोत्रम् का पाठ किसी भी व्यक्ति द्वारा किया जा सकता है?
हां, यह स्तोत्र कोई भी व्यक्ति कर सकता है, जो आर्थिक समस्याओं या कर्ज से मुक्ति पाना चाहता है। यह स्तोत्र किसी विशेष धार्मिक पंथ या परंपरा तक सीमित नहीं है। केवल श्रद्धा और विश्वास से इसका पाठ करने की आवश्यकता होती है। इस स्तोत्र का सही उच्चारण और नियमितता भी महत्वपूर्ण है।
5. ऋण विमोचन अंगारक स्तोत्रम् का पाठ करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
इस स्तोत्र का पाठ करते समय व्यक्ति को अपने मन और शरीर को शुद्ध रखना चाहिए। पाठ से पहले स्नान करके और स्वच्छ वस्त्र धारण करके ही पूजा स्थल पर बैठें। पाठ के दौरान भगवान अंगारक को लाल पुष्प, लाल चंदन, और दीपक अर्पित करना शुभ माना जाता है। इसके अलावा, शांतिपूर्ण वातावरण में ध्यानपूर्वक पाठ करना चाहिए और अपने मन में सकारात्मक विचार रखना चाहिए।