18.5 C
Gujarat
रविवार, दिसम्बर 21, 2025

ऋषि पंचमी की आरती

Post Date:

ऋषि पंचमी की आरती | Rishi Panchami Aarti

श्री हरि हर गुरु गणपति , सबहु धरि ध्यान।
मुनि मंडल श्रृंगार युक्त, श्री गौतम करहुँ बखान।।

ॐ जय गौतम त्राता , स्वामी जी गौतम त्राता ।
ऋषिवर पूज्य हमारे ,मुद मंगल दाता।। ॐ जय।।

द्विज कुल कमल दिवाकर , परम् न्याय कारी।
जग कल्याण करन हित, न्याय रच्यौ भारी।। ॐ जय।।

पिप्लाद सूत शिष्य आपके, सब आदर्श भये।
वेद शास्त्र दर्शन में, पूर्ण कुशल हुए।।ॐ जय।।

गुर्जर करण नरेश विनय पर तुम पुष्कर आये ।
सभी शिष्य सुतगण को, अपने संग लाये।।ॐ जय।।

अनावृष्टि के कारण संकट आन पड्यो ।
भगवान आप दया करी, सबको कष्ट हरयो।।ॐ जय।।

पुत्र प्राप्ति हेतु , भूप के यज्ञ कियो।
यज्ञ देव के आशीष से , सुत को जन्म भयो।।ॐ जय।।

भूप मनोरथ पूर्ण करके , चिंता दूर करी।
प्रेतराज पामर की , निर्मल देह करी।।ॐ जय।।

ऋषिवर अक्षपाद की आरती ,जो कोई नर गावे।
ऋषि की पूर्ण कृपा से , मनोवांछित फल पावे ।।ॐ जय।।

ऋषि पंचमी की आरती – २

ॐ जय -जय शान्तपते , प्रभु जय -जय शान्तपते ।
पूज्य पिता हम सबके, तुम पालन करते । ॐ जय …


शान्ता संग विराजे, ऋषि श्रृंग बलिहारी । प्रभु……
जस गिरिजा संग सोहे, भोले त्रिपुरारी । ॐ जय ….


लोमपाद की रजधानी में, जब दुर्भिक्ष परयो । प्रभु…..
वृष्टि हेतु बुलवाये, जाय सुभिक्ष करयो । ॐ जय …..


महायज्ञ पुत्रेष्ठी, दशरथ घर कीनो । प्रभु…..
प्रकट भये प्रतिपाला, दीन शरण लीनो । ॐ जय …..


शीश जटा शुभ सोहे, श्रृंग एक धरता । प्रभु……
सकल शास्त्र के वेत्ता, हम सबके करता । ॐ जय …..


सब बालक हम तेरे, तुम सबके स्वामी । प्रभु……
शरण गहेंगे तुमरी, ऋषि तव अनुगामी । ॐ जय ……


विनय हमारी तुमसे, सब पर कृपा करो । प्रभु….
विद्या बुद्धि बढ़ाओ,उज्ज्वलभाव भरो । ॐ जय …..


हम संतान तुम्हारी, श्रृद्धा चित्त लावें । प्रभु…..
मंडल आरती ऋषि श्रृंग की, प्रेम सहित गावें ॐ जय …..

Share post:

Subscribe

Popular

More like this
Related

गोकुल अष्टकं

गोकुल अष्टकं - Shri Gokul Ashtakamश्रीमद्गोकुलसर्वस्वं श्रीमद्गोकुलमंडनम् ।श्रीमद्गोकुलदृक्तारा श्रीमद्गोकुलजीवनम्...

अष्टादश शक्तिपीठ स्तोत्रम्

अष्टादश शक्तिपीठ स्तोत्रम्अष्टादश शक्तिपीठ स्तोत्रम् एक अत्यंत पवित्र...

लक्ष्मी शरणागति स्तोत्रम्

लक्ष्मी शरणागति स्तोत्रम्लक्ष्मी शरणागति स्तोत्रम् (Lakshmi Sharanagati Stotram) एक...

विष्णु पादादि केशांत वर्णन स्तोत्रं

विष्णु पादादि केशांत वर्णन स्तोत्रंलक्ष्मीभर्तुर्भुजाग्रे कृतवसति सितं यस्य रूपं...
error: Content is protected !!