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रश्मिरथी – षष्ठ सर्ग – भाग 1 | Rashmirathi Sixth Sarg Bhaag 1
‘रश्मिरथी’ में रामधारी सिंह ‘दिनकर’ ने महाभारत के एक प्रमुख पात्र कर्ण के जीवन, संघर्ष और विचारों को काव्यात्मक शैली में प्रस्तुत किया है।...
रश्मिरथी – द्वितीय सर्ग – भाग 13 | Rashmirathi Second Sarg Bhaag 13
रश्मिरथी - द्वितीय सर्ग - भाग 13 | Rashmirathi Second Sarg Bhaag 13आह, बुद्धि कहती कि ठीक था, जो कुछ किया, परन्तु हृदय,मुझसे कर...
रश्मिरथी – द्वितीय सर्ग – भाग 12 | Rashmirathi Second Sarg Bhaag 12
रश्मिरथी - द्वितीय सर्ग - भाग 12 | Rashmirathi Second Sarg Bhaag 12कर्ण विकल हो खड़ा हुआ कह, 'हाय! किया यह क्या गुरुवर?दिया शाप...
रश्मिरथी – द्वितीय सर्ग – भाग 11 | Rashmirathi Second Sarg Bhaag 11
रश्मिरथी - द्वितीय सर्ग - भाग 11 | Rashmirathi Second Sarg Bhaag 11तूने जीत लिया था मुझको निज पवित्रता के बल से,क्या था पता,...
रश्मिरथी – पंचम सर्ग – भाग 7 | Rashmirathi Fifth Sarg Bhaag 7
रश्मिरथी - पंचम सर्ग - भाग 7 | Rashmirathi Fifth Sarg Bhaag 7"पाकर न एक को, और एक को खोकर,मैं चली चार पुत्रों की...
रश्मिरथी – पंचम सर्ग – भाग 6 | Rashmirathi Fifth Sarg Bhaag 6
रश्मिरथी - पंचम सर्ग - भाग 6 | Rashmirathi Fifth Sarg Bhaag 6इस सन्नाटे में दो जन सरित-किनारे,थे खड़े शिलावत् मूक, भाग्य के मारे।था...
रश्मिरथी – पंचम सर्ग – भाग 5 | Rashmirathi Fifth Sarg Bhaag 5
रश्मिरथी - पंचम सर्ग - भाग 5 | Rashmirathi Fifth Sarg Bhaag 5"सोचो, जग होकर कुपित दण्ड क्या देता,कुत्सा, कलंक के सिवा और क्या...
रश्मिरथी – पंचम सर्ग – भाग 4 | Rashmirathi Fifth Sarg Bhaag 4
रश्मिरथी - पंचम सर्ग - भाग 4 | Rashmirathi Fifth Sarg Bhaag 4"अपना खोया संसार न तुम पाओगी,राधा माँ का अधिकार न तुम पाओगी।छीनने...
रश्मिरथी – पंचम सर्ग – भाग 3 | Rashmirathi Fifth Sarg Bhaag 3
रश्मिरथी - पंचम सर्ग - भाग 3 | Rashmirathi Fifth Sarg Bhaag 3"पर पुत्र ! सोच अन्यथा न तू कुछ मन में,यह भी होता...
रश्मिरथी – पंचम सर्ग – भाग 2 | Rashmirathi Fifth Sarg Bhaag 2
रश्मिरथी - पंचम सर्ग - भाग 2 | Rashmirathi Fifth Sarg Bhaag 2आहट पाकर जब ध्यान कर्ण ने खोला,कुन्ती को सम्मुख देख वितन हो...
रश्मिरथी – पंचम सर्ग – भाग 1 | Rashmirathi Fifth Sarg Bhaag 1
रश्मिरथी - पंचम सर्ग - भाग 1 | Rashmirathi Fifth Sarg Bhaag 1आ गया काल विकराल शान्ति के क्षय का,निर्दिष्ट लग्न धरती पर खंड-प्रलय...
रश्मिरथी – चतुर्थ सर्ग – भाग 6 | Rashmirathi Fourth Sarg Bhaag 6
यह अंश रामधारी सिंह 'दिनकर' की अमर काव्यकृति "रश्मिरथी" के चतुर्थ सर्ग के छठे खंड से है, जो कर्ण के त्याग, महानता, और उसकी...
रश्मिरथी – चतुर्थ सर्ग – भाग 5 | Rashmirathi Fourth Sarg Bhaag 5
"रश्मिरथी" के चतुर्थ सर्ग का यह पाँचवाँ भाग कर्ण के अंतरद्वंद्व, वेदना, और जीवन-दर्शन का अत्यंत भावपूर्ण व आत्मवेदना से भरा हुआ संवाद है।...
रश्मिरथी – चतुर्थ सर्ग – भाग 4 | Rashmirathi Fourth Sarg Bhaag 4
रश्मिरथी के चतुर्थ सर्ग का भाग 4 – जो आपने प्रस्तुत किया है – महाकवि रामधारी सिंह 'दिनकर' द्वारा रचित इस महाकाव्य का एक...
रश्मिरथी – चतुर्थ सर्ग – भाग 7 | Rashmirathi Fourth Sarg Bhaag 7
"रश्मिरथी" चतुर्थ सर्ग, भाग 7 की यह अंश महाकवि रामधारी सिंह 'दिनकर' द्वारा रचित अमर काव्य का एक अत्यंत भावनात्मक और नैतिकता से ओतप्रोत...
रश्मिरथी – चतुर्थ सर्ग – भाग 3 | Rashmirathi Fourth Sarg Bhaag 3
‘रश्मिरथी’ के चतुर्थ सर्ग के तीसरे भाग का उल्लेख किया है, जो रामधारी सिंह ‘दिनकर’ द्वारा रचित महाकाव्य का अत्यंत भावनात्मक और विचारशील अंश...
रश्मिरथी – चतुर्थ सर्ग – भाग 2 | Rashmirathi Fourth Sarg Bhaag 2
"रश्मिरथी" के चतुर्थ सर्ग के भाग 2 है, वह महाकवि रामधारी सिंह 'दिनकर' की लेखनी का एक अत्यंत मार्मिक, भावनाप्रवण और प्रेरणादायक भाग है।...
रश्मिरथी – चतुर्थ सर्ग – भाग 1 | Rashmirathi Fourth Sarg Bhaag 1
"रश्मिरथी" में रामधारी सिंह 'दिनकर' ने कर्ण के चरित्र को नायकत्व के उस शिखर पर पहुँचाया है, जहाँ वह केवल एक योद्धा नहीं, बल्कि...
रश्मिरथी – तृतीय सर्ग – भाग 7 | Rashmirathi Third Sarg Bhaag 7
रश्मिरथी के तृतीय सर्ग के भाग 7 में रामधारी सिंह 'दिनकर' ने कर्ण और श्रीकृष्ण के मध्य संवाद को अत्यंत मार्मिक और दार्शनिक ढंग...
रश्मिरथी – तृतीय सर्ग – भाग 6 | Rashmirathi Third Sarg Bhaag 6
'रश्मिरथी' के तृतीय सर्ग के भाग 6 में रामधारी सिंह 'दिनकर' द्वारा कर्ण के आत्मबल, पुरुषार्थ, मित्रता और त्याग को अत्यंत प्रभावशाली और मार्मिक...