25.5 C
Gujarat
मंगलवार, फ़रवरी 4, 2025

राधा जी की आरती

Post Date:

राधा जी की आरती (आरती श्री वृषभानुसुता की) Aarti Shri Radha Ji Ki (Aarti Shri Vrashbhanusuta Ki)

आरती श्री वृषभानुसुता की, मंजुल मूर्ति मोहन ममता की।
त्रिविध तापयुत संसृति नाशिनि, विमल विवेकविराग विकासिनि।
पावन प्रभु पद प्रीति प्रकाशिनि, सुन्दरतम छवि सुन्दरता की। आरती श्री वृषभानुसुता की..

मुनि मन मोहन मोहन मोहनि, मधुर मनोहर मूरति सोहनि।
अविरलप्रेम अमिय रस दोहनि, प्रिय अति सदा सखी ललिता की। आरती श्री वृषभानुसुता की..
संतत सेव्य सत मुनि जनकी, आकर अमित दिव्यगुन गनकी।

आकर्षिणी कृष्ण तन मन की, अति अमूल्य सम्पति समता की। आरती श्री वृषभानुसुता की..
कृष्णात्मिका कृष्ण सहचारिणि, चिन्मयवृन्दा विपिन विहारिणि।
जगज्जननि जग दुःखनिवारिणि, आदि अनादि शक्ति विभुता की। आरती श्री वृषभानुसुता की..

आरती श्री वृषभानुसुता की,मंजुल मूर्ति मोहन ममता की ॥

 







कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

Share post:

Subscribe

Popular

More like this
Related

कूर्म पुराण

Kurma Puran in Hindiकूर्म पुराण हिंदू धर्म के अठारह...

श्री गणेश (गणपति) सूक्तम् (ऋग्वेद)

Sri Ganesha Suktam In Hindiगणपति सूक्तम्(Sri Ganesha Suktam) ऋग्वेद...

श्रद्धा सूक्तम्

Shraddha Suktam In Hindiश्रद्धा सूक्तम्(Shraddha Suktam) एक प्राचीन वैदिक स्तोत्र...

आयुष्य सूक्तम्

Ayushya Suktam In Hindiआयुष्य सूक्तम्(Ayushya Suktam) एक प्राचीन वैदिक स्तोत्र...