27.9 C
Gujarat
बुधवार, जुलाई 23, 2025

राधा जी की आरती

Post Date:

राधा जी की आरती (आरती श्री वृषभानुसुता की) Aarti Shri Radha Ji Ki (Aarti Shri Vrashbhanusuta Ki)

आरती श्री वृषभानुसुता की, मंजुल मूर्ति मोहन ममता की।
त्रिविध तापयुत संसृति नाशिनि, विमल विवेकविराग विकासिनि।
पावन प्रभु पद प्रीति प्रकाशिनि, सुन्दरतम छवि सुन्दरता की। आरती श्री वृषभानुसुता की..

मुनि मन मोहन मोहन मोहनि, मधुर मनोहर मूरति सोहनि।
अविरलप्रेम अमिय रस दोहनि, प्रिय अति सदा सखी ललिता की। आरती श्री वृषभानुसुता की..
संतत सेव्य सत मुनि जनकी, आकर अमित दिव्यगुन गनकी।

आकर्षिणी कृष्ण तन मन की, अति अमूल्य सम्पति समता की। आरती श्री वृषभानुसुता की..
कृष्णात्मिका कृष्ण सहचारिणि, चिन्मयवृन्दा विपिन विहारिणि।
जगज्जननि जग दुःखनिवारिणि, आदि अनादि शक्ति विभुता की। आरती श्री वृषभानुसुता की..

आरती श्री वृषभानुसुता की,मंजुल मूर्ति मोहन ममता की ॥

 







कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

Share post:

Subscribe

Popular

More like this
Related

प्रियतम न छिप सकोगे

प्रियतम न छिप सकोगे | Priyatam Na Chhip Sakogeप्रियतम...

राहु कवच

राहु कवच : राहु ग्रह का असर खत्म करें...

Rahu Mantra

Rahu Mantraराहु ग्रह वैदिक ज्योतिष में एक छाया ग्रह...

ऋग्वेद हिंदी में

ऋग्वेद (Rig veda in Hindi PDF) अर्थात "ऋचाओं का...
error: Content is protected !!