27.4 C
Gujarat
शनिवार, मार्च 8, 2025

राधा जी की आरती

Post Date:

राधा जी की आरती (आरती श्री वृषभानुसुता की) Aarti Shri Radha Ji Ki (Aarti Shri Vrashbhanusuta Ki)

आरती श्री वृषभानुसुता की, मंजुल मूर्ति मोहन ममता की।
त्रिविध तापयुत संसृति नाशिनि, विमल विवेकविराग विकासिनि।
पावन प्रभु पद प्रीति प्रकाशिनि, सुन्दरतम छवि सुन्दरता की। आरती श्री वृषभानुसुता की..

मुनि मन मोहन मोहन मोहनि, मधुर मनोहर मूरति सोहनि।
अविरलप्रेम अमिय रस दोहनि, प्रिय अति सदा सखी ललिता की। आरती श्री वृषभानुसुता की..
संतत सेव्य सत मुनि जनकी, आकर अमित दिव्यगुन गनकी।

आकर्षिणी कृष्ण तन मन की, अति अमूल्य सम्पति समता की। आरती श्री वृषभानुसुता की..
कृष्णात्मिका कृष्ण सहचारिणि, चिन्मयवृन्दा विपिन विहारिणि।
जगज्जननि जग दुःखनिवारिणि, आदि अनादि शक्ति विभुता की। आरती श्री वृषभानुसुता की..

आरती श्री वृषभानुसुता की,मंजुल मूर्ति मोहन ममता की ॥

 







कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

Share post:

Subscribe

Popular

More like this
Related

संकटमोचन हनुमानाष्टक

Sankatmochan Hanuman Ashtak In Hindiसंकटमोचन हनुमानाष्टक(Sankatmochan Hanuman Ashtak) भगवान...

ब्राह्मण और बिच्छूकी कथा

ब्राह्मण और बिच्छूकी कथा - Brahman Aur Bichchho ki...

सकल जग हरिको रूप निहार

Sakal Jag Hariko Roop Niharसकल जग हरिको रूप निहार...

आज मेरे श्याम की शादी है

Aaj Mere Shyam Kee Shade Hai आज मेरे श्याम की...