भगवान परशुराम जी की आरती ( आरती श्री परशुराम जी की ) Parshuram Ji Ki Aarti
भगवान परशुराम जी की आरती हिंदू धर्म में अत्यधिक श्रद्धा और आदर के साथ गाई जाती है। परशुराम जी, भगवान विष्णु के छठे अवतार माने जाते हैं, जिन्होंने धरती पर अधर्म और अन्याय का नाश करने के लिए अवतार लिया था। परशुराम जी को विशेष रूप से क्षत्रिय और ब्राह्मण समुदाय में पूजनीय माना जाता है, क्योंकि वे एक योद्धा और ऋषि दोनों के प्रतीक हैं। उनकी आरती का पाठ करके भक्तजन उनसे आशीर्वाद और शक्ति की प्राप्ति करते हैं।
भगवान परशुराम जी की आरती का महत्व: Importance of Lord Parshuram’s Aarti
भगवान परशुराम को धर्म की रक्षा करने वाला और पापियों का नाश करने वाला माना जाता है। उनकी आरती करने से व्यक्ति को मानसिक शांति, साहस और धैर्य प्राप्त होता है। इसके साथ ही भगवान परशुराम जी की कृपा से जीवन में आने वाली कठिनाइयाँ दूर होती हैं और आध्यात्मिक उन्नति होती है।
आरती गाने से नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। यह आरती विशेष रूप से परशुराम जयंती के दिन और मंगलवार के दिन की जाती है। आरती के दौरान दीप जलाने और घंटा बजाने का भी विशेष महत्व है, जिससे वातावरण पवित्र और शुभ हो जाता है।
भगवान परशुराम जी की आरती: Aarti of Lord Parshuram
आरती के दौरान भक्तजन भगवान परशुराम की स्तुति और महिमा गाते हैं। नीचे भगवान परशुराम जी की आरती का पाठ दिया गया है:
ॐ जय परशुधारी, स्वामी जय सुर नर मुनिजन सेवत।
श्रीपति जमदग्नी अवतारी परशुधारी। ॐ जय”
सुत नर-सिंह, मां रेणुका जाया।
मार्तण्ड भृगु वंशज, त्रिभुवन यश छाया ॥
कांधे सूत्र जनेऊ, गल रुद्राक्ष ॐ जय” माला।
चरण खड़ाऊँ शोभे, तिलक त्रिपुण्ड भाला ॥ ॐ जय”
ताम्र श्याम घन केशा, शीश जटा बांधी।
सुजन हेतु ऋतु मधुमय, दुष्ट दलन आंधी ॥ ॐ जय”
मुख रवि तेज विराजत, दीन-हीन गो विप्रन,
रक्षक दिन कर शोभित बर कंध चाप-शर वैष्णव,
माता पिता तुम परशु रक्त वर्ण रैना ॥
ॐ निगमागम नैना जय” ज्ञाता ब्राह्मण कुल त्राता ॥ ॐ जय”
स्वामी, मेरी बिरद संभारो, द्वार पड़ा अजर-अमर श्री परशुराम की, मीत मैं तेरे ॥
आरती सखा ॐ जो ‘पूर्णेन्दु’ शिव साखि, सुख सम्पति पावे ॥ ॐ मेरे। जय” गावे । जय”
भगवान परशुराम जी की आरती का फल: The result of Lord Parshuram’s Aarti
भगवान परशुराम की आरती गाने से व्यक्ति के जीवन में धर्म की वृद्धि होती है। इससे मनुष्य को शांति, बल, और पराक्रम की प्राप्ति होती है। जिनके जीवन में संघर्ष और कठिनाइयाँ अधिक हों, वे भगवान परशुराम की आरती और स्तुति करके उनका आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं। विशेष रूप से इस आरती का पाठ करने से व्यक्ति को धर्म, धन, और सुख की प्राप्ति होती है और जीवन की समस्याएँ दूर होती हैं।
भगवान परशुराम जी के प्रति सच्ची श्रद्धा और विश्वास रखने वाले भक्तजन इस आरती को नित्यप्रति करने से उनके जीवन में आने वाले सभी संकट और परेशानियाँ दूर हो जाती हैं।