Narasimha Dwadasa Nama Stotram In Hindi
श्री नृसिंह द्वादशनाम स्तोत्रम्(Narasimha Dwadasa Nama Stotram) भगवान नृसिंह को समर्पित एक महत्वपूर्ण स्तोत्र है। इसे भगवान विष्णु के उग्र और रक्षक स्वरूप नृसिंह की महिमा का वर्णन करने के लिए रचा गया है। यह स्तोत्र उन भक्तों के लिए अत्यंत प्रभावशाली माना जाता है जो भय, संकट, शत्रुओं, और नकारात्मक शक्तियों से रक्षा चाहते हैं।
श्री नृसिंह द्वादशनाम स्तोत्रम् रचना और महत्व Importance of Narasimha Dwadasa Nama Stotram
यह स्तोत्र भगवान नृसिंह के बारह नामों को सम्मिलित करता है। प्रत्येक नाम उनके दिव्य गुणों, कृत्यों और स्वरूप को व्यक्त करता है। इन नामों का स्मरण करने से भक्त को आत्मविश्वास, साहस, और भगवान की कृपा प्राप्त होती है।
- नृसिंहः – जो मनुष्यों और सिंह का स्वरूप धारण करते हैं।
- महासिंहः – महान सिंह स्वरूप।
- दिव्यसिंहः – दिव्य सिंह स्वरूप।
- महाबलः – महान शक्ति के स्वामी।
- उग्रसिंहः – उग्र और पराक्रमी।
- महादेवः – देवों के देव।
- स्तंभजः – खंभे से प्रकट होने वाले।
- भीषणः – जो भयावह और रक्षक हैं।
- भवोभवः – सृष्टि और संहार के कारण।
- ज्वालामुखः – जिनका मुख ज्वाला जैसा प्रखर है।
- महाज्वालः – जो महाज्वालास्वरूप हैं।
- करालः – जिनका स्वरूप अति विकराल है।
पद्म पुराण, नारद पुराण, और अन्य धार्मिक ग्रंथों में श्री नृसिंह स्तोत्रों का वर्णन मिलता है। द्वादशनाम स्तोत्र का पाठ सुबह और शाम के समय विशेष फलदायी माना जाता है। यह न केवल मानसिक शांति प्रदान करता है, बल्कि भक्त को नकारात्मक ऊर्जाओं से भी बचाता है।
श्री नृसिंह द्वादशनाम स्तोत्रम् पाठ विधि
- इस स्तोत्र का पाठ प्रातःकाल या सूर्यास्त के समय करें।
- पाठ से पहले भगवान विष्णु और नृसिंह की पूजा करें।
- आसन पर शुद्ध होकर बैठें और मन को एकाग्र करें।
- श्री नृसिंह द्वादशनाम स्तोत्र का उच्चारण श्रद्धा और भक्ति भाव से करें।
श्री नृसिंह द्वादशनाम स्तोत्रम् फल और लाभ Benifits of Narasimha Dwadasa Nama Stotram
- भय से मुक्ति: भगवान नृसिंह का स्मरण शत्रु भय, भूत-प्रेत बाधा, और दुर्घटनाओं से रक्षा करता है।
- धन और समृद्धि: यह स्तोत्र धन, वैभव और समृद्धि प्रदान करता है।
- संकट निवारण: जीवन के कठिन समय में यह स्तोत्र मानसिक और आध्यात्मिक बल प्रदान करता है।
- शत्रु नाशक: यह शत्रुओं के दुष्प्रभाव से बचाता है और विजय प्राप्त कराता है।
- रोग निवारण: शरीर और मन की बीमारियों से राहत मिलती है।
श्री नृसिंह द्वादशनाम स्तोत्रम् Narasimha Dwadasa Nama Stotram
अस्य श्रीनृसिंह द्वादशनाम स्तोत्रमहामन्त्रस्य
वेदव्यासो भगवान् ऋषिः
अनुष्टुप् छन्दः
लक्ष्मीनृसिंहो देवता
श्रीनृसिंहप्रीत्यर्थे विनियोगः
स्वपक्षपक्षपातेन तद्विपक्षविदारणम्।
नृसिंहमद्भुतं वन्दे परमानन्दविग्रहम्॥
प्रथमं तु महाज्वालो द्वितीयं तूग्रकेसरी।
तृतीयं वज्रदंष्ट्रश्च चतुर्थं तु विशारदः।
पञ्चमं नारसिंहश्च षष्ठः कश्यपमर्दनः।
सप्तमो यातुहन्ता चाष्टमो देववल्लभः।
नवमं प्रह्लादवरदो दशमोऽनन्तहस्तकः।
एकादशो महारुद्रो द्वादशो दारुणस्तथा॥
द्वादशैतानि नामानि नृसिंहस्य महात्मनः।
मन्त्रराजेति विख्यातं सर्वपापविनाशनम्।
क्षयापस्मारकुष्ठादि- तापज्वरनिवारणम्।
राजद्वारे महाघोरे सङ्ग्रामे च जलान्तरे।
गिरिगह्वार आरण्ये व्याघ्रचोरामयादिषु।
रणे च मरणे चैव शर्मदं परमं शुभम्।
शतमावर्तयेद्यस्तु मुच्यते व्याधिबन्धनात्।
आवर्तयेत् सहस्रं तु लभते वाञ्छितं फलम्।
श्री नृसिंह द्वादशनाम स्तोत्रम् से संबंधित सामान्य पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs for Narasimha Dwadasa Nama Stotram)
श्री नृसिंह द्वादशनाम स्तोत्रम् क्या है?
श्री नृसिंह द्वादशनाम स्तोत्रम् भगवान नृसिंह के बारह नामों का स्तोत्र है, जो उनकी भक्ति एवं महिमा का वर्णन करता है। इसे पाठ करने से भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं
इस स्तोत्र का पाठ कैसे किया जाता है?
इस स्तोत्र का पाठ करने से पूर्व भक्तों को गायत्री पूजन के साथ भगवान नरसिंह और माता लक्ष्मी का पूजन करना चाहिए। इसके बाद स्तोत्र का पाठ करना आवश्यक है
श्री नृसिंह द्वादशनाम स्तोत्रम् के पाठ से क्या लाभ होते हैं?
इस स्तोत्र के एक हजार पाठ करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं, और यह भक्तों को संकटों से मुक्त करने में सहायक होता है
क्या यह स्तोत्र किसी विशेष अवसर पर पढ़ा जाता है?
हाँ, यह स्तोत्र विशेष रूप से नृसिंह जयंती के दिन और अन्य धार्मिक अवसरों पर पढ़ा जाता है
क्या इस स्तोत्र का उच्चारण कठिन है?
इसका उच्चारण भारत के भक्तों द्वारा भक्ति भाव से किया जाता है, और यदि कोई इसे नियमित रूप से पाठ करता है, तो उच्चारण में कुशलता प्राप्त कर सकता है
क्या श्री नृसिंह द्वादशनाम स्तोत्रम् का कोई विशिष्ट समय है पढने के लिए?
यह स्तोत्र सुबह या शाम के समय पढ़ने की सलाह दी जाती है, खासकर पूजा के समय
क्या मैं इसे अकेले भी पढ़ सकता हूँ?
हाँ, कोई भी व्यक्ति इस स्तोत्र को अकेले में भी पढ़ सकता है। यह भक्तिपूर्वक करने पर विशेष फल देता है
यदि ध्यान करते समय परेशानी हो, तो क्या करना चाहिए?
ध्यान के समय ध्यान को स्थिर करने का प्रयास करें, और यदि परेशानियाँ जारी रही, तो स्वयं को शांत रहने का प्रयास करें या शांति मंत्रों का जप करें
श्री नृसिंह द्वादशनाम स्तोत्रम् का महत्व क्या है?
यह स्तोत्र भगवान नृसिंह के सभी गुणों और शक्तियों को दर्शाता है, जो भक्तों को बुराई और संकटों से बचाने में मदद करता है
कौन सी अन्य स्तुति या भजन भगवान नृसिंह को समर्पित हैं?
“नरसिंह स्तोत्र” और “नरसिंह नमस्कार स्तोत्रम्” भी भगवान नृसिंह को समर्पित भक्ति ग्रंथ हैं, जिन्हें भक्तों द्वारा सुनने और पढ़ने के लिए किया जाता है