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बुधवार, नवम्बर 5, 2025

नाथ मैं धारोजी थारो Naath Main Dhaarojee Thaaro

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नाथ मैं धारोजी थारो

(मारवाड़ी बोली )

Naath Main Dhaarojee Thaaro Lyrics

नाथ मैं धारोजी थारो !

चोखो, बुरो, कुटिल अरु कामी, जो कुछ हूँ सो थारो ।।

बिगड्यो हूँ तो थारो बिगड़यो, थे ही मनै सुधारो । सुघरथे।

तो प्रभु सुधरथो थारो, थाँ यूँ कदे न न्यारो ।।

बुरो, बुरो, मैं भोत बुरो हूँ, आखर टाबर थारो ।

बुरो कुहाकर मैं रह जास्यूँ, नाँव बिगड़सी थारो ॥

थारो हूँ, थारो ही बाजू, रहस्यूँ थारो, थारो।

आँगलियाँ नहें परै न होवै, या तो आप बिचारो ।।

मेरी बात जाय तो जाओ, सोच नहीं कछु म्हारो ।

मेरे बडो सोच यो लाग्यो, बिरद लाजसी थारो ।।

जच्चै जिसतराँ करो नथि ! अब, मारो, चाहे त्यारो ।

जाँघ उघाड़याँ लाज मरोगा, ऊँडी बात विचारो ।।

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