नाथ मैं धारोजी थारो
(मारवाड़ी बोली )
Naath Main Dhaarojee Thaaro Lyrics
नाथ मैं धारोजी थारो !
चोखो, बुरो, कुटिल अरु कामी, जो कुछ हूँ सो थारो ।।
बिगड्यो हूँ तो थारो बिगड़यो, थे ही मनै सुधारो । सुघरथे।
तो प्रभु सुधरथो थारो, थाँ यूँ कदे न न्यारो ।।
बुरो, बुरो, मैं भोत बुरो हूँ, आखर टाबर थारो ।
बुरो कुहाकर मैं रह जास्यूँ, नाँव बिगड़सी थारो ॥
थारो हूँ, थारो ही बाजू, रहस्यूँ थारो, थारो।
आँगलियाँ नहें परै न होवै, या तो आप बिचारो ।।
मेरी बात जाय तो जाओ, सोच नहीं कछु म्हारो ।
मेरे बडो सोच यो लाग्यो, बिरद लाजसी थारो ।।
जच्चै जिसतराँ करो नथि ! अब, मारो, चाहे त्यारो ।
जाँघ उघाड़याँ लाज मरोगा, ऊँडी बात विचारो ।।