21.2 C
Gujarat
बुधवार, दिसम्बर 3, 2025

नाथ अब लीजै मोहि उबार – Naath Ab Leejai Mohi Ubaar

Post Date:

नाथ अब लीजै मोहि उबार लीरिक्स

Naath Ab Leejai Mohi Ubaar Lyrics

नाथ अब लीजै मोहि उबार !

कामी, कुटिल, कठिन कलि-कबलित, कुत्सित कपटागार ।

मोही, मुखर, महा मद-मर्दित, मंद, मलिन-आचार ॥

बलयित-विषय, विताड़ित, विचलित, विकसित विविध विकार ।

दीन, दुखी, दुरदृष्ट, दुरत्यय, दुर्गत दुर्गुण-भार ।।

पंकिल प्रचुर, पतित, परिपंथी, निरपत्रप, निःसार ।

निःस्व, निखिल निगमागम वर्जित, निगडित नित गृह-दार ।।

दीनाश्रय ! तव विरद वित्ति- विदारण श्रुति-विस्तार ।

सुनत सुयश शुचि सो अब मैं आगत अघहारी-द्वार ।।

Share post:

Subscribe

Popular

More like this
Related

अष्टादश शक्तिपीठ स्तोत्रम्

अष्टादश शक्तिपीठ स्तोत्रम्अष्टादश शक्तिपीठ स्तोत्रम् एक अत्यंत पवित्र...

लक्ष्मी शरणागति स्तोत्रम्

लक्ष्मी शरणागति स्तोत्रम्लक्ष्मी शरणागति स्तोत्रम् (Lakshmi Sharanagati Stotram) एक...

विष्णु पादादि केशांत वर्णन स्तोत्रं

विष्णु पादादि केशांत वर्णन स्तोत्रंलक्ष्मीभर्तुर्भुजाग्रे कृतवसति सितं यस्य रूपं...

द्वादश ज्योतिर्लिंङ्ग स्तोत्रम्

द्वादश ज्योतिर्लिंङ्ग स्तोत्रम्द्वादशज्योतिर्लिंगस्तोत्र एक प्रसिद्ध स्तोत्र है जिसमें भगवान...
error: Content is protected !!