19 C
Gujarat
बुधवार, दिसम्बर 3, 2025

मन कछु वा दिनकी सुधि राख | Man Kachhu Va Dinakee Sudhi Raakh

Post Date:

मन कछु वा दिनकी सुधि राख

Man Kachhu Va Dinakee Sudhi Raakh

मन, कछु वा दिनकी सुधि राख । जा दिन तेरे तनु-दुकानकी उठि जैहैं सब साख ।।

इंद्रिय सकल न मानहिं अनुर्मात छोड़ चलें सब साथ सुत, परिवार, नारि नहिं कोऊ पूछें दुखकी गाथ ॥

वारंट लै जमदूत आइ तोहि पकरि बाँधि लै जाय । कोउ न बनै सहाय काल तिहि देखत हो रहि जाम ।।

जमके कारागार नरक मह अतिसय संकट पाय । बार-बार करनी सुमिरन करि सिर धुनि-धुनि पछिताय ।।

जो यहि दुखतें उबरो चाहै, तो हरि-नाम पुकार । राम-नामते मिटैं सकल दुख, मिलै परम सुख-सार ।।

Share post:

Subscribe

Popular

More like this
Related

अष्टादश शक्तिपीठ स्तोत्रम्

अष्टादश शक्तिपीठ स्तोत्रम्अष्टादश शक्तिपीठ स्तोत्रम् एक अत्यंत पवित्र...

लक्ष्मी शरणागति स्तोत्रम्

लक्ष्मी शरणागति स्तोत्रम्लक्ष्मी शरणागति स्तोत्रम् (Lakshmi Sharanagati Stotram) एक...

विष्णु पादादि केशांत वर्णन स्तोत्रं

विष्णु पादादि केशांत वर्णन स्तोत्रंलक्ष्मीभर्तुर्भुजाग्रे कृतवसति सितं यस्य रूपं...

द्वादश ज्योतिर्लिंङ्ग स्तोत्रम्

द्वादश ज्योतिर्लिंङ्ग स्तोत्रम्द्वादशज्योतिर्लिंगस्तोत्र एक प्रसिद्ध स्तोत्र है जिसमें भगवान...
error: Content is protected !!