21.2 C
Gujarat
बुधवार, दिसम्बर 3, 2025

मन हरि सुमिरन करि लीजै Man Hari Sumiran Kari Leejai

Post Date:

भजन-महिमा

मन हरि सुमिरन करि लीजै

Man Hari Sumiran Kari Leejai

 

मन हरि-सुमिरन करि लीजै ॥ टेक ॥

हरिको नाम प्रेमसों जपिये, हरिरस रसना पीजै ।

हरिगुन गाइय, सुनिय निरंतर, हरि-चरननि चित दीजै ।।

हरि-भगतनकी सरन ग्रहन करि, हरिसँग प्रीति करीजै।

हरि-सम हरि-जन समुझि मनहिं मन, तिनकौ सेवन कीजै ।।

हरि केहि बिधिसों हमसों रीझै, सो ही प्रश्न करीजे ।

हरि-जन हरि-मारग पहिचानैं, अनुमति देहिं सो कीजे ॥

हरि हित खाइय, पहिरिय हरि हित, हरि हित करमकरी जै ।

हरि हित हरि-सम सब जग सेइय, हरि-हित मरिये जीजै ।।

Share post:

Subscribe

Popular

More like this
Related

अष्टादश शक्तिपीठ स्तोत्रम्

अष्टादश शक्तिपीठ स्तोत्रम्अष्टादश शक्तिपीठ स्तोत्रम् एक अत्यंत पवित्र...

लक्ष्मी शरणागति स्तोत्रम्

लक्ष्मी शरणागति स्तोत्रम्लक्ष्मी शरणागति स्तोत्रम् (Lakshmi Sharanagati Stotram) एक...

विष्णु पादादि केशांत वर्णन स्तोत्रं

विष्णु पादादि केशांत वर्णन स्तोत्रंलक्ष्मीभर्तुर्भुजाग्रे कृतवसति सितं यस्य रूपं...

द्वादश ज्योतिर्लिंङ्ग स्तोत्रम्

द्वादश ज्योतिर्लिंङ्ग स्तोत्रम्द्वादशज्योतिर्लिंगस्तोत्र एक प्रसिद्ध स्तोत्र है जिसमें भगवान...
error: Content is protected !!