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मंगलवार, नवम्बर 4, 2025

मन बन मधुम हरि पद सरोरुह लीन हो – Man Ban Madhum Hari Pad Saroruh Leen Ho

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मन बन मधुम हरि पद सरोरुह लीन हो

Man Ban Madhum Hari Pad Saroruh Leen Ho

मन बन मधुम हरि-पद-सरोरुह लीन हो ।

निश्चिन्त कर रस-पान भय-भ्रम-हीन हो ।। टेक ||

तू भूलकर सारे जगतकी भावना, रह मस्त आठों पहर, मत यों दीन हो || मन ०||

तू गुनगुनाहट छोड़ बाइरकी सभी, बस रामगुन गुंजार कर मधु-पीन हो | मन ०॥

तू छोड़ दे अब जहँ-तहाँका भटकना, हरि-चरण आश्रित तू यथा जल मीन हो ॥ मन०||

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