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बुधवार, जनवरी 22, 2025

काली माता की आरती Maa Kali Aarti Lyrics

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काली माता की आरती Kali Mata Ki Aarti


अम्बे तू है जगदम्बे काली जय दुर्गे खप्पर वाली, तेरे ही गुन गायें भारती।
ओ मैया हम सब उतारें तेरी आरती।

माता तेरे भक्त जनों पर भीड़ पड़ी है भारी।
दानव दल पर टूट पड़ो माँ करके सिंह सवारी।

सौ सौ सिंहों से बलशाली अष्ट भुजाओं वाली।
दुखियों के दुःख को निवारती, ओ मैया हम सब उतारें तेरी आरती ।

मां बेटे का इस जग में है बड़ा ही निर्मल नाता ।
पूत कपूत सुने हैं पर ना माता सुनी कुमाता।

सब पर करुणा दरसाने वाली अमृत बरसाने वाली।
दुखियों के दुख को निवारती, ओ मैया हम सब उतारें तेरी आरती ।

नहीं मांगते धन और दौलत ना चांदी ना सोना।
हम तो मांगते तेरे मन का एक छोटा सा कोना।

सबकी बिगड़ी बनाने वाली लाज बचाने वाली।
सतियों के सत को संवारती, ओ मैया हम सब उतारें तेरी आरती।

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