29.1 C
Gujarat
बुधवार, अक्टूबर 16, 2024

ललिता माता की आरती

Post Date:

ललिता माता की आरती Lalita Maata Ki Aarti

ललिता माता को देवी पार्वती का एक दिव्य रूप माना जाता है, जो त्रिपुरा सुंदरी के रूप में भी प्रसिद्ध हैं। यह देवी शक्ति की सर्वोच्च अभिव्यक्ति हैं और भक्तों के लिए अत्यंत पूजनीय हैं। ललिता माता की पूजा मुख्यतः शक्ति उपासकों द्वारा की जाती है और इन्हें सृष्टि की माया, अज्ञान और दुखों का नाश करने वाली मानी जाती हैं। माता ललिता की आराधना करने से भक्तों को समस्त दुखों और संकटों से मुक्ति मिलती है।

ललिता माता का महत्व:

ललिता देवी को “श्रीविद्या” की देवी भी कहा जाता है, जो ध्यान, उपासना और साधना की माध्यम से प्राप्त की जाती हैं। यह देवी ज्ञान, शक्ति और सौंदर्य की देवी हैं और त्रिपुरा त्रिकोण की अधिष्ठात्री हैं। इन्हें ललिता त्रिपुरा सुंदरी के रूप में भी जाना जाता है, जो सृष्टि, स्थिति और संहार तीनों की अधिपति मानी जाती हैं। माँ ललिता का विशेष रूप से श्री चक्र या श्री यंत्र में पूजन किया जाता है, जो दिव्य ऊर्जा का प्रतीक होता है।

ललिता माता की आरती का महत्व:

आरती के माध्यम से ललिता माता की स्तुति की जाती है। आरती में ज्योति जलाकर देवी का ध्यान किया जाता है और माता से सुख, समृद्धि और शांति की प्रार्थना की जाती है। आरती से भक्तों का मन शुद्ध होता है और वह माता की कृपा प्राप्त करने में सक्षम होते हैं।

ललिता माता की आरती के लाभ:

  1. अज्ञान और दुखों का नाश: आरती करने से भक्तों के जीवन से अज्ञान, मोह, और दुखों का नाश होता है।
  2. समृद्धि का आगमन: माँ ललिता की कृपा से जीवन में समृद्धि, धन और शांति का वास होता है।
  3. रोगों से मुक्ति: आरती के माध्यम से माता से स्वास्थ्य और दीर्घायु की प्राप्ति होती है।
  4. मानसिक शांति: ललिता माता की आराधना से मानसिक तनाव और चिंता का नाश होता है।
  5. आध्यात्मिक उन्नति: आरती करने से आत्मा की उन्नति होती है और भक्तों को आध्यात्मिक लाभ प्राप्त होता है।

ललिता माता की आरती Lalita Maata Ki Aarti

जय शरणं वरणं नमो नमः

श्री मातेश्वरि जय त्रिपुरेश्वरि राजेश्वरि जय नमो नमः ।
करुणामयी सकल अघ हारिणि अमृत वर्षिणी नमो नमः ॥

जय शरणं वरणं नमो नमः श्री मातेश्वरि जय त्रिपुरेश्वरि ।
अशुभ विनाशिनी, सब सुख दायिनी खलदल नाशिनि नमो नमः ॥

भण्डासुर वधकारिणी जय माँ करुणा कलिते नमो नमः ।
जय शरणं वरणं नमो नमः श्री मातेश्वरि जय त्रिपुरेश्वरि ॥

भव भय हारिणी कष्ट निवारिणी शरणागति दो नमो नमः ।
शिव भामिनी साधक मन हारिणी आदि शक्ति जय नमो नमः ॥

जय शरणं वरणं नमो नमः जय त्रिपुर सुन्दरी नमो जय राजेश्वरी जय नमो नमः
जय ललिते माता नमो श्री मातेश्वरी जय त्रिपुरेश्वरि राजेश्वरि जय नमो नमः । नमः ॥ नमः ।
जय शरणं वरणं नमो नमः ॥

ललिता माता के पूजन का समय और विधि:

ललिता माता का पूजन विशेष रूप से नवरात्रि के दौरान किया जाता है, लेकिन भक्त किसी भी दिन देवी का ध्यान कर सकते हैं। पूजन के लिए लाल रंग की वस्त्र धारण करना शुभ माना जाता है। माँ की मूर्ति या चित्र के समक्ष दीपक, धूप, और नैवेद्य अर्पित कर आरती की जाती है। आरती के पश्चात माता का ध्यान करते हुए उनकी स्तुति और भजन किए जाते हैं।

ललिता माता की आरती करना भक्तों के लिए अत्यंत फलदायी और शांति प्रदायक माना जाता है।

 

 

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

Share post:

Subscribe

Popular

More like this
Related

गणेशावतार स्तोत्रं आङ्गिरस उवाच Ganesh Avatar Stotra

गणेशावतार स्तोत्रं: आङ्गिरस ऋषि का स्तवन Ganesh Avatar Stotraगणेशावतार...

गणेश द्वादश नाम स्तोत्रम् Ganesh Dwadash Naam Stotram

गणेश द्वादश नाम स्तोत्रम् Ganesh Dwadash Naam Stotram गणेश द्वादश...

गणाध्यक्ष स्तोत्रं Ganaadhyaksha Stotra

गणाध्यक्ष स्तोत्रं - भरद्वाज उवाच Ganaadhyaksha Stotra - Bharadwaja...

गणेशमन्त्र स्तोत्रम् Ganesh Mantra Stotram

गणेशमन्त्र स्तोत्रम् Ganesh Mantra Stotramउद्दालक उवाच ।श्रृणु पुत्र महाभाग...
error: Content is protected !!