30 C
Gujarat
शुक्रवार, जून 20, 2025

लक्ष्मी विभक्ति वैभव स्तोत्रम्

Post Date:

लक्ष्मी विभक्ति वैभव स्तोत्रम्

लक्ष्मी विभक्ति वैभव स्तोत्रम् एक अत्यंत प्रभावशाली और दुर्लभ स्तोत्र है जो माँ लक्ष्मी की महिमा और विभक्तियों के माध्यम से स्तुति करता है। यह स्तोत्र न केवल भक्तिपूर्ण भावना से ओत-प्रोत है, बल्कि इसमें संस्कृत व्याकरण का भी सुंदर प्रयोग किया गया है। यह स्तोत्र माँ लक्ष्मी की कृपा प्राप्ति के लिए पढ़ा जाता है।

Lakshmi Vibhakti Vaibhava Stotram

सुरेज्या विशाला सुभद्रा मनोज्ञा
रमा श्रीपदा मन्त्ररूपा विवन्द्या।
नवा नन्दिनी विष्णुपत्नी सुनेत्रा
सदा भावितव्या सुहर्षप्रदा मा।
अच्युतां शङ्करां पद्मनेत्रां सुमां
श्रीकरां सागरां विश्वरूपां मुदा।
सुप्रभां भार्गवीं सर्वमाङ्गल्यदां
सन्नमाम्युत्तमां श्रेयसीं वल्लभाम्।
जयदया सुरवन्दितया जयी
सुभगया सुधया च धनाधिपः।
नयदया वरदप्रियया वरः
सततभक्तिनिमग्नजनः सदा।
कल्याण्यै दात्र्यै सज्जनामोदनायै
भूलक्ष्म्यै मात्रे क्षीरवार्युद्भवायै।
सूक्ष्मायै मायै शुद्धगीतप्रियायै
वन्द्यायै देव्यै चञ्चलायै नमस्ते।
न वै परा मातृसमा महाश्रियाः
न वै परा धान्यकरी धनश्रियाः।
न वेद्मि चान्यां गरुडध्वजस्त्रियाः
भयात्खलान्मूढजनाच्च पाहि माम्।
सरसिजदेव्याः सुजनहितायाः
मधुहनपत्न्याः ह्यमृतभवायाः।
ऋतुजनिकायाः स्तिमितमनस्याः
जलधिभवायाः ह्यहमपि दासः।
मायां सुषमायां देव्यां विमलायां
भूत्यां जनिकायां तृप्त्यां वरदायाम्।
गुर्व्यां हरिपत्न्यां गौण्यां वरलक्ष्म्यां
भक्तिर्मम जैत्र्यां नीत्यां कमलायाम्।
अयि तापनिवारिणि वेदनुते
कमलासिनि दुग्धसमुद्रसुते।
जगदम्ब सुरेश्वरि देवि वरे
परिपालय मां जनमोहिनि मे।

लक्ष्मी विभक्ति वैभव स्तोत्रम् की विशेषताएँ

  1. यह स्तोत्र संस्कृत की 8 विभक्तियों में लक्ष्मी माता का गुणगान करता है।
  2. प्रत्येक श्लोक लक्ष्मी माता के एक विशिष्ट गुण या स्वरूप पर केंद्रित है।
  3. इसमें भक्ति, ज्ञान, और संस्कृति का सुंदर समन्वय है।

इस स्तोत्र का पाठ कब और कैसे करें?

  1. प्रातःकाल स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण कर माँ लक्ष्मी की मूर्ति या चित्र के सामने दीपक प्रज्वलित करें।
  2. श्रद्धा और एकाग्रता के साथ स्तोत्र का पाठ करें।
  3. शुक्रवार, पूर्णिमा, दीपावली, धनतेरस जैसे विशेष दिनों पर इसका पाठ अति शुभ फलदायक होता है।

लक्ष्मी विभक्ति वैभव स्तोत्रम् का लाभ (फल)

  • दरिद्रता (गरीबी) से मुक्ति।
  • घर में सुख-शांति और ऐश्वर्य की वृद्धि।
  • व्यापार और नौकरी में उन्नति।
  • मानसिक शांति और संतुलन।
  • माँ लक्ष्मी की स्थायी कृपा प्राप्त होती है।

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

Share post:

Subscribe

Popular

More like this
Related

ऋग्वेद हिंदी में

ऋग्वेद (Rig veda in Hindi PDF) अर्थात "ऋचाओं का...

Pradosh Stotram

प्रदोष स्तोत्रम् - Pradosh Stotramप्रदोष स्तोत्रम् एक महत्वपूर्ण और...

Sapta Nadi Punyapadma Stotram

Sapta Nadi Punyapadma Stotramसप्तनदी पुण्यपद्म स्तोत्रम् (Sapta Nadi Punyapadma...

Sapta Nadi Papanashana Stotram

Sapta Nadi Papanashana Stotramसप्तनदी पापनाशन स्तोत्रम् (Sapta Nadi Papanashana...
error: Content is protected !!