22.4 C
Gujarat
बुधवार, दिसम्बर 24, 2025

खड़ा अपराधी प्रभुके द्वार | Khada Aparaadhee Prabhuke Dvaar

Post Date:

खड़ा अपराधी प्रभुके द्वार – प्रार्थना

Khada Aparaadhee Prabhuke Dvaar Lyrics

खड़ा अपराधी प्रभुके द्वार !

न्याय चाहता, क्षमा नहीं, दो दण्ड दोष अनुसार ॥१॥

अर्थ-दण्ड देना चाहो तो करो स्वार्थ सब छार ।

रहने मत दो कुछ भी इसके ‘अपना’ ‘मेरा’ कार ॥२॥

क़ैद अगर करना चाहो तो प्रेम-बेड़ियाँ डार ।

रक्खो बाँध इसे नित निज चरणोंके कारागार ||३||

निर्वासित करना चाहो तो लूटो घर-संसार ।

पहुँचा दो सत्वर दोषीको भव-समुद्रके पार ||४||

कभी न आने दो फिर वापस, मरने दो बेकार ।

बह जाने दो इसे वहाँ सच्चिदानंदकी धार ॥५॥

Share post:

Subscribe

Popular

More like this
Related

गोकुल अष्टकं

गोकुल अष्टकं - Shri Gokul Ashtakamश्रीमद्गोकुलसर्वस्वं श्रीमद्गोकुलमंडनम् ।श्रीमद्गोकुलदृक्तारा श्रीमद्गोकुलजीवनम्...

अष्टादश शक्तिपीठ स्तोत्रम्

अष्टादश शक्तिपीठ स्तोत्रम्अष्टादश शक्तिपीठ स्तोत्रम् एक अत्यंत पवित्र...

लक्ष्मी शरणागति स्तोत्रम्

लक्ष्मी शरणागति स्तोत्रम्लक्ष्मी शरणागति स्तोत्रम् (Lakshmi Sharanagati Stotram) एक...

विष्णु पादादि केशांत वर्णन स्तोत्रं

विष्णु पादादि केशांत वर्णन स्तोत्रंलक्ष्मीभर्तुर्भुजाग्रे कृतवसति सितं यस्य रूपं...
error: Content is protected !!