34.5 C
Gujarat
बुधवार, अक्टूबर 16, 2024

श्री जाहरवीर गोगाजी की आरती Jaharveer Aarti

Post Date:

श्री जाहरवीर गोगाजी की आरती Jaharveer Baba Ki Aarti

जय जय जाहरवीर हरे जय जय गूगा वीर हरे धरती पर आ करके भक्तों के दुख दूर करे ॥ जय-जय ॥

जो कोई भक्ति करे प्रेम से हाँ जी करे प्रेम से भागे दुख परे विधन हरे, मंगल के दाता तन का कष्ट हरे।

जेवर राव के पुत्र कहाये रानी बाछल माता बागड़ जन्म लिया वीर ने जय-जयकार करे ॥ जय-जय ।।

धर्म की बेल बढ़ाई निश दिन तपस्या रोज करे दुष्ट जनों को दण्ड दिया जग में रहे आप खरे ॥ जय-जय ।।

सत्य अहिंसा का व्रत धारा झूठ से आप डरे वचन भंग को बुरा समझकर घर से आप निकरे ॥ जय-जय ॥

माड़ी में तुम करी तपस्या अचरज सभी करे चारों दिशा में भक्त आ रहे आशा लिए उतरे ।। जय-जय ॥

भवन पधारो अटल क्षत्र कह भक्तों की सेवा करे प्रेम से सेवा करे जो कोई धन के भण्डार भरे ॥ जय-जय ।।

तन मन धन अर्पण करके भक्ति प्राप्त करे भादों कृष्ण नौमी के दिन पूजन भक्ति करे ॥ जय-जय ॥

 

 

 

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

Share post:

Subscribe

Popular

More like this
Related

गणाध्यक्ष स्तोत्रं Ganaadhyaksha Stotram

ईक्ष्वाकुकृत गणाध्यक्ष स्तोत्रं - भरद्वाज उवाच  Ikshvakukrita Ganaadhyaksha Stotram कथं...

शंकरादिकृतं गजाननस्तोत्रम् Shankaraadi Kritam Gajanan Stotram

शंकरादिकृतं गजाननस्तोत्रम् - देवा ऊचुः  Shankaraadi Kritam Gajanan Stotram गजाननाय...

गजानन स्तोत्र देवर्षय ऊचुः Gajanan Stotra

गजानन स्तोत्र - देवर्षय ऊचुः Gajanan Stotraगजानन स्तोत्र: देवर्षय...

सर्वेष्टप्रदं गजानन स्तोत्रम् Sarveshtapradam Gajanan Stotram

सर्वेष्टप्रदं गजानन स्तोत्रम् Sarveshtapradam Gajanan Stotram https://youtu.be/9JXvmdfYc5o?si=5DOB6JxdurjJ-Ktk कपिल उवाच ।नमस्ते विघ्नराजाय...
error: Content is protected !!