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मंगलवार, नवम्बर 4, 2025

जगत मैं कीजै यौं व्यवहार – Jagatmain Kijai Youn Vyavahar

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जगतमैं कीजै यौं व्यवहार लीरिक्स

Jagatmain Kijai Youn Vyavahar Lyrics

जगतमैं कीजै यौं व्यवहार ।

अखिल जगत हरिमय बिचारि मन, कीजै सबसौं प्यार ||

मात-पिता-गुरुजन-पद बंदिय श्रद्धासहित उदार ।

फल बिहाय, तिनकी आग्या सौं कीजै सब आचार ।।

देस-जाति, कुल-कुटुंब नारि-सुत, सुहृद, देह, परिवार।

जथाजोग सचकी सेवा नित कीजै स्वार्थ बिसार ।।

बरनाश्रम-अनुकूल करम सब कीजै विधि अनुसार ।

फल-कामना-बिहीन, किंतु केवल करतब्य बिचार ।।

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