25.9 C
Gujarat
बुधवार, अक्टूबर 8, 2025

हे दयामय दीनबन्धो दीनको अपनाइये – He Dayamay Dinabandho Dinako Apanaiye

Post Date:

हे दयामय दीनबन्धो दीनको अपनाइये – He Dayamay Dinabandho Dinako Apanaiye

हे दयामय ! दीनबन्धो !! दीनको अपनाइये ।

डूबता बेड़ा मेरा मझधार पार लँधाइये ॥

नाथ ! तुम तो पतितपावन, मैं पतित सबसे बड़ा ।

कीजिये पावन मुझे, मैं शरणमें हूँ आ पड़ा ।।

तुम गरीबनिवाज हो, यों जगत साख कह रहा ।

मैं गरीब अनाथ दुःख-प्रवाहमें नित बह रहा ।।

इस गरीबीसे छुड़ाकर कीजिये मुझको सनाथ ।

तुम सरीखे नाथ पा, फिर क्यों कहाऊँ मैं अनाथ ।।

हो तृषित आकुल अमित प्रभु! चाहता जो बूँद नीर ।

तुम तृषाहारी अनोखे उसे देते सुधा-क्षीर ।।

यह तुम्हारी अमित महिमा सत्य सारी है प्रभो ! ।

किस लिये मैं रहा बंचित फिर अभीतक हे बिभो ! ।।

अब नहीं ऐसा उचित, प्रभु ! कृपा मुझपर कीजिये ।

पापका बन्धन छुड़ा नित-शान्ति मुझको दीजिये ।।

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

Share post:

Subscribe

Popular

More like this
Related

હો દેવી અન્નપૂર્ણા | Ho Devi Annapurna

હો દેવી અન્નપૂર્ણા | Ho Devi Annapurnaમાં શંખલ તે...

ऋग्वेद हिंदी में

ऋग्वेद हिंदी में | Rigveda in Hindiऋग्वेद (Rigveda in...

गजेंद्र मोक्ष स्तोत्र – श्री विष्णु (Gajendra Moksham Stotram)

गजेंद्र मोक्ष स्तोत्र - Gajendra Moksham Stotramश्रीमद्धागवतान्तर्गत गजेन्द्रकृत भगवानका...

श्री शनि चालीसा

Shani Chalisaशनि चालीसा हिंदू धर्म में एक लोकप्रिय प्रार्थना...
error: Content is protected !!