19.6 C
Gujarat
बुधवार, दिसम्बर 3, 2025

हरि को हरि जन अतिहि पियारे – Hariko Hari Jan Atihi Piyaare

Post Date:

हरि को हरि जन अतिहि पियारे

Hariko Hari Jan Atihi Piyaare

हरिको हरि जन अतिहि पियारे ।

हरि हरि-जनतें भेद न राखें, अपने सम करि डारें ।।

जाति-पाँति, कुल-धाम, घरम-धन, नहि कछु बात विचारें।

जेहि मन हरि-पद-प्रेम अद्वैतुक, तेहि ढिग नेम बिसारें ।।

व्याध, निषाद, अजामिल, गनिका, केते अधम उधारे।

करि खग-बानर-भालु-निसाचर, प्रेम-बिवस, सब तारे ।।

परस्ति प्रेम, हिय हरखि राम मिलनीके भवन पधारे।

बारहि बार खात जूठे फल, रहे सराहत हारे ।।

विदुर-घरनि सुधि बिसरी तनकी, स्याम जवहिं पगु ध. रे।

कदली-फलके छिलका खाये, प्रेममगन मन भारे ।।

रे मन ! ऐसे परम प्रेममय हरिको मत बिसरा रे ।

प्रभुके पद-सरोज-रस चाखन, तू मधुकर बनि जा रे ।।

Share post:

Subscribe

Popular

More like this
Related

अष्टादश शक्तिपीठ स्तोत्रम्

अष्टादश शक्तिपीठ स्तोत्रम्अष्टादश शक्तिपीठ स्तोत्रम् एक अत्यंत पवित्र...

लक्ष्मी शरणागति स्तोत्रम्

लक्ष्मी शरणागति स्तोत्रम्लक्ष्मी शरणागति स्तोत्रम् (Lakshmi Sharanagati Stotram) एक...

विष्णु पादादि केशांत वर्णन स्तोत्रं

विष्णु पादादि केशांत वर्णन स्तोत्रंलक्ष्मीभर्तुर्भुजाग्रे कृतवसति सितं यस्य रूपं...

द्वादश ज्योतिर्लिंङ्ग स्तोत्रम्

द्वादश ज्योतिर्लिंङ्ग स्तोत्रम्द्वादशज्योतिर्लिंगस्तोत्र एक प्रसिद्ध स्तोत्र है जिसमें भगवान...
error: Content is protected !!