19 C
Gujarat
बुधवार, दिसम्बर 3, 2025

दुर्जन संग कबहुँ नहिं कीजै Durjan Sang Kabahun Nahin Kijai

Post Date:

दुर्जन संग कबहुँ नहिं कीजै लीरिक्स

Durjan Sang Kabahun Nahin Kijai Lyrics

 

दुर्जन-संग कबहुँ नहिं कीजै । दुर्जन-मिलन सदा दुखदाई, तिनसौं पृथक रहीजै ॥

दुर्जनकी मीठी बानी सुनि, तनिक प्रतीति न कीजै । छाड़िय बिष सम ताहि निरंतर, मनहिं थान र्जान दीनै ॥

दुर्जन संग कुमति अति उपजै, हरि-मारग मति छीजै । छूटै प्रेम-भजन श्रीहरिको, मन बिषयनमैं भीजै ॥

बिनसै सकल सांति-सुख मनके, सिर धुनि-धुनि कर मींजै । मन अस दुर्जन दुखनिधि परिहरि, सत-संगति-रति कीजै ॥

Share post:

Subscribe

Popular

More like this
Related

अष्टादश शक्तिपीठ स्तोत्रम्

अष्टादश शक्तिपीठ स्तोत्रम्अष्टादश शक्तिपीठ स्तोत्रम् एक अत्यंत पवित्र...

लक्ष्मी शरणागति स्तोत्रम्

लक्ष्मी शरणागति स्तोत्रम्लक्ष्मी शरणागति स्तोत्रम् (Lakshmi Sharanagati Stotram) एक...

विष्णु पादादि केशांत वर्णन स्तोत्रं

विष्णु पादादि केशांत वर्णन स्तोत्रंलक्ष्मीभर्तुर्भुजाग्रे कृतवसति सितं यस्य रूपं...

द्वादश ज्योतिर्लिंङ्ग स्तोत्रम्

द्वादश ज्योतिर्लिंङ्ग स्तोत्रम्द्वादशज्योतिर्लिंगस्तोत्र एक प्रसिद्ध स्तोत्र है जिसमें भगवान...
error: Content is protected !!