30.9 C
Gujarat
रविवार, अगस्त 17, 2025

दुर्गा प्रणति पंचक स्तोत्रम

Post Date:

Durga Pranati Panchaka Stotram

दुर्गा प्रणति पंचक स्तोत्रम एक अत्यंत प्रभावशाली, श्रद्धा और भक्ति से परिपूर्ण स्तोत्र है जो मां दुर्गा को समर्पित है। जैसा कि नाम से स्पष्ट है, यह स्तोत्र पाँच श्लोकों (पंचक) में रचित है, और प्रत्येक श्लोक एक अत्यंत गहन प्रणति (अर्थात् समर्पण, वंदना, नमन) की अभिव्यक्ति करता है।

यह स्तोत्र शास्त्रीय रूप से संस्कृत में रचित है और इसे पढ़ने, जपने या सुनने से मन को शांति, साहस, शक्ति और आध्यात्मिक ऊर्जा की प्राप्ति होती है।

दुर्गा प्रणति पंचक स्तोत्रम

माङ्गल्यानां त्वमसि जननी देवि दुर्गे नमस्ते
दौर्बल्यानां सबलहरणी भक्तिमाल्यैर्वरेण्या ।
त्वं शल्यानां समुपशमनी शैलजा शूलहस्ते
वात्सल्यानां मधुरझरणा देहि भद्रं शरण्या ॥

त्वं गायत्री निखिलजगतामन्नपूर्णा प्रसन्ना
मेधा विद्या त्वमसि शुभदा शाम्भवी शक्तिराद्या ।
मर्त्त्ये लोके सकलकलुषं नाशय स्वीयधाम्ना
सिंहासीना कुरु सुकरुणां शङ्करी विश्ववन्द्या ॥

संसारश्रीर्जनय सुखदां भावनां सुप्रकाशां
शं शर्वाणी वितर तमसां ध्वंसिनी पावनी त्वम् ।
पापाचारैः प्रबलमथितां दुष्टदैत्यैर्निराशां
पृथ्वीमार्त्तां व्यथितहृदयां त्राहि कात्यायनी त्वम् ॥

रुद्राणी त्वं वितर सुभगं मातृका सन्मतीनां
शान्तिर्धर्मः प्रसरतु जने त्वत्प्रसादैः शिवानि ।
घोरा काली भव कलियुगे घातिनी दुर्गतीनां
त्वं भक्तानामभयवरदा भीममूर्त्तिर्भवानि ॥

वन्दे मातस्तव सुविमलं पादराजत्सरोजं
दुर्गे दुःखं हर दशभुजा देहि सानन्दमोजम् ।
त्वं पद्मास्या हसितमधुरं सौरभं तन्वती स्वं
मोहस्तोमं हर सुमनसां पूजिता पाहि विश्वम् ॥

दुर्गा प्रणति पंचक स्तोत्र का उद्देश्य और लाभ

  1. भय, संकट और रोगों से रक्षा।
  2. मानसिक शक्ति, आत्मबल और साहस की प्राप्ति।
  3. माँ दुर्गा की कृपा से सभी कार्यों में सफलता।
  4. नकारात्मकता और शत्रु बाधाओं से मुक्ति।
  5. आध्यात्मिक जागृति और चित्त की शुद्धता।

दुर्गा प्रणति पंचक स्तोत्र पाठ की विधि और समय

  • सप्तमी, अष्टमी, नवमी को विशेष लाभकारी।
  • नवरात्रि में प्रतिदिन पढ़ना उत्तम।
  • शांत वातावरण में स्नान आदि के बाद, दीपक जलाकर पढ़ें।
  • श्रद्धा और एकाग्रता से पाठ करें।

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

Share post:

Subscribe

Popular

More like this
Related

सर्व शिरोमणि विश्व सभा के आत्मोपम विश्वंभर के – Sarv Shiromani Vishv Sabhaake

सर्व शिरोमणि विश्व सभा के आत्मोपम विश्वंभर केसर्व-शिरोमणि विश्व-सभाके,...

सौंप दिये मन प्राण उसी को मुखसे गाते उसका नाम – Saump Diye Man Praan Useeko

सौंप दिये मन प्राण उसी को मुखसे गाते उसका...

भीषण तम परिपूर्ण निशीथिनि – Bheeshan Tamapariporn Nishethini

भीषण तम परिपूर्ण निशीथिनिभीषण तमपरिपूर्ण निशीथिनि, निविड निरर्गल झंझावात...

अनोखा अभिनय यह संसार

Anokha Abhinay Yah Sansarअनोखा अभिनय यह संसार ! रंगमंचपर...
error: Content is protected !!