33.9 C
Gujarat
बुधवार, अक्टूबर 16, 2024

दुर्गा आरती Durga Ji Ki Aarti

Post Date:

दुर्गा आरती Durga Ji Ki Aarti

जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी।
तुमको निशि दिन ध्यावत हरि ब्रह्मा शिवरी ॥

मांग सिंदूर विराजत टीको मृगमद को।
उज्ज्वल से दोऊ नैना चन्द्रवदन नीको ॥

जय. कनक समान कलेवर रक्ताम्बर राजै।
रक्तपुष्प की माला कंठन पर साजै ॥ जय.

केहरि वाहन राजत खड्ग खप्पर धारी।
सुर-नर-मुनिजन सेवत तिनके दुखहारी ॥ जय.

कानन कुण्डल शोभित नासाग्रे मोती।
कोटिक चन्द्र दिवाकर राजत सम ज्योति ॥ जय.

शुम्भ निशुम्भ विदारे महिषासुर घाती।
धूम्र विलोचन नैना निशदिन मदमाती ॥ जय.

चण्ड-मुण्ड संहारे, शोणित बीज हरे।
मधु-कैटभ दोऊ मारे, सुर भयहीन करे ॥ जय.

ब्रह्माणी, रुद्राणी, तुम कमला रानी।
आगम निगम बखानी, तुम शिव पटरानी ॥ जय.

चौंसठ योगिनी गावत नृत्य करत भैरू ।
बाजत ताल मृदंगा अरु बाजत डमरू ॥ जय.

तुम ही जग की माता, तुम ही हो भरता।
भक्तन की दुःख हरता, सुख सम्पत्ति करता ॥ जय.

भुजा चार अति शोभित वरमुद्रा धारी।
मनवांछित फल पावत सेवत नर नारी ॥ जय.

कंचन थाल विराजत अगर कपूर बाती।
श्रीमालकेतु में राजत कोटि रतन ज्योति ॥ जय.

अम्बे की आरती जो कोई नर गावे।
कहत शिवानन्द स्वामी सुख-सम्पत्ति पावे ॥ जय.


Share post:

Subscribe

Popular

More like this
Related

गणाध्यक्ष स्तोत्रं Ganaadhyaksha Stotram

ईक्ष्वाकुकृत गणाध्यक्ष स्तोत्रं - भरद्वाज उवाच  Ikshvakukrita Ganaadhyaksha Stotram कथं...

शंकरादिकृतं गजाननस्तोत्रम् Shankaraadi Kritam Gajanan Stotram

शंकरादिकृतं गजाननस्तोत्रम् - देवा ऊचुः  Shankaraadi Kritam Gajanan Stotram गजाननाय...

गजानन स्तोत्र देवर्षय ऊचुः Gajanan Stotra

गजानन स्तोत्र - देवर्षय ऊचुः Gajanan Stotraगजानन स्तोत्र: देवर्षय...

सर्वेष्टप्रदं गजानन स्तोत्रम् Sarveshtapradam Gajanan Stotram

सर्वेष्टप्रदं गजानन स्तोत्रम् Sarveshtapradam Gajanan Stotram https://youtu.be/9JXvmdfYc5o?si=5DOB6JxdurjJ-Ktk कपिल उवाच ।नमस्ते विघ्नराजाय...
error: Content is protected !!