30.4 C
Gujarat
गुरूवार, सितम्बर 25, 2025

देख निज नित्य निकेतन द्वार

Post Date:

Dekh Nij Nity Niketan Dvaar

देख निज नित्य निकेतन द्वार ।

भूला निज निर्मल स्वरूपको, भूला कुल-व्यवहार ।

फूला, फसा फिर रहा संतत, सहता जग-फटकार ।।

पर-पुर, पर-घरमें प्रवेश कर, पाला पर-परिवार ।

पड़ा पाँच चोरोंके पल्ले, लुटा, हुआ लाचार ।।

अब भी चेत, ग्रहणकर सत्पथ, तज माया-आगार ।

उज्ज्वल प्रेम-प्रकाश साथ ले, चल निज गृह सुखसार ।।

शम-दमादिसे तुरत निघनकर काम-क्रोध बटमार ।

सेवन कर पुनीत सत-संगति पथशाला श्रमहार ।।

श्रीहरिनाम शमन-भय-नाशक निर्भय नित्य पुकार ।

पातकपुंज नाश हों सुनकर ‘हरि-हरि-हरि’ हुंकार ।।

आश्रय कर शरणागतवत्सल प्रभु-पद-कमल उदार !

निज घर पहुँच, नित्य चिन्मय बन, भूमानंद अपार ।।

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

Share post:

Subscribe

Popular

More like this
Related

હો દેવી અન્નપૂર્ણા | Ho Devi Annapurna

હો દેવી અન્નપૂર્ણા | Ho Devi Annapurnaમાં શંખલ તે...

ऋग्वेद हिंदी में

ऋग्वेद हिंदी में | Rigveda in Hindiऋग्वेद (Rigveda in...

गजेंद्र मोक्ष स्तोत्र – श्री विष्णु (Gajendra Moksham Stotram)

गजेंद्र मोक्ष स्तोत्र - Gajendra Moksham Stotramश्रीमद्धागवतान्तर्गत गजेन्द्रकृत भगवानका...

श्री शनि चालीसा

Shani Chalisaशनि चालीसा हिंदू धर्म में एक लोकप्रिय प्रार्थना...
error: Content is protected !!