28.4 C
Gujarat
बुधवार, नवम्बर 5, 2025

श्री चिन्तपूर्णी देवी जी की आरती

Post Date:

Chintapurni Devi Aarti

चिन्तपूर्णी चिन्ता दूर करनी,
जन को तारो भोली माँ॥

काली दा पुत्र पवन दा घोडा,
सिंह पर भई असवार, भोली माँ॥१॥

एक हाथ खड़ग दूजे में खांडा,
तीजे त्रिशूलसम्भालो, भोली माँ॥२॥

चौथे हथ चक्कर गदा पांचवे,
छठे मुण्डों दी माल भोली माँ॥३॥

सातवें से रुण्ड-मुण्ड बिदारे,
आठवें से असुर संहारे, भोली माँ॥४॥

चम्पे का बाग लगा अति सुन्दर,
बैठी दीवान लगाय, भोली माँ॥५॥

हरि हर ब्रह्मा तेरे भवन विराजे,
लाल चंदोया बैठी तान, भोली माँ॥६॥

औखी घाटी विकटा पैंडा,
तले बहे दरिया, भोली माँ॥७॥

सुमर चरन ध्यानू जस गावे,
भक्तां दी पज निभाओ, भोली माँ॥८॥

माता चिंतपूर्णी मंदिर से जुड़ी पौराणिक कथा को जानने की लिए यहाँ जाए.

Maa chintapurni devi

Share post:

Subscribe

Popular

More like this
Related

धन्वन्तरिस्तोत्रम् | Dhanvantari Stotram

धन्वन्तरिस्तोत्रम् | Dhanvantari Stotramॐ नमो भगवते धन्वन्तरये अमृतकलशहस्ताय,सर्वामयविनाशनाय, त्रैलोक्यनाथाय...

दृग तुम चपलता तजि देहु – Drg Tum Chapalata Taji Dehu

दृग तुम चपलता तजि देहु - राग हंसधुन -...

हे हरि ब्रजबासिन मुहिं कीजे – He Hari Brajabaasin Muhin Keeje

 हे हरि ब्रजबासिन मुहिं कीजे - राग सारंग -...

नाथ मुहं कीजै ब्रजकी मोर – Naath Muhan Keejai Brajakee Mor

नाथ मुहं कीजै ब्रजकी मोर - राग पूरिया कल्याण...
error: Content is protected !!