चंद्र ग्रह मंत्र – Chandra Mantra
चंद्र ग्रह भारतीय खगोलशास्त्र और वैदिक ज्योतिष दोनों में अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यह ग्रह केवल खगोलीय उपग्रह न होकर ज्योतिषीय रूप से मानसिक और भावनात्मक जीवन का मूल आधार माना गया है। चंद्रमा मन, भावनाएं, कल्पनाशक्ति, सौंदर्य, माता और जीवन के सुख-दुःख का प्रतिनिधित्व करता है।
- चंद्रमा पृथ्वी का एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह (Natural Satellite) है।
- इसका व्यास लगभग 3,474 किलोमीटर है, जो पृथ्वी के व्यास का लगभग 1/4 है।
- पृथ्वी से इसकी औसत दूरी लगभग 3,84,400 किलोमीटर है।
- चंद्रमा को अपने अक्ष पर एक पूरा चक्कर लगाने और पृथ्वी की परिक्रमा करने में लगभग 27.3 दिन लगते हैं।
- चंद्रमा पर कोई वायुमंडल नहीं होता, इसलिए वहां जीवन संभव नहीं।
- चंद्रमा की गुरुत्वाकर्षण शक्ति पृथ्वी से लगभग 1/6 है।
- यह सूर्य से प्रकाश लेकर पृथ्वी पर परावर्तित करता है।
वैदिक ज्योतिष में चंद्र ग्रह का महत्व
चंद्रमा किनका प्रतिनिधित्व करता है?
- मन, भावनाएं और कल्पना
- माता, मातृत्व और पोषण
- सौंदर्य, शांति, कोमलता
- स्मृति, मनोबल और संवेदनशीलता
- शरीर में जल तत्व
- मनोरोग व भावनात्मक अस्थिरता
चंद्रमा का संबंध मन से है, इसलिए इसकी स्थिति से यह पता चलता है कि व्यक्ति का मानसिक संतुलन, भावनात्मक समझ और मन की स्थिरता कैसी है।
चंद्र ग्रह के ज्योतिषीय तथ्य
विशेषता | विवरण |
---|---|
स्वभाव | सौम्य, स्त्री ग्रह |
राशि स्वामित्व | कर्क (Cancer) |
उच्च राशि | वृषभ (Taurus) |
नीच राशि | वृश्चिक (Scorpio) |
मूल त्रिकोण | कर्क |
शुभता | चंद्रमा शुभ ग्रह होता है |
दोस्त ग्रह | सूर्य, बुध |
शत्रु ग्रह | राहु, केतु |
रत्न | मोती (Pearl) |
धातु | चांदी |
रंग | सफेद |
व्रत का दिन | सोमवार |
चंद्र के शुभ-अशुभ फल
शुभ चंद्रमा
- सौम्य, शुद्ध विचार
- मन में स्थिरता और संतुलन
- अच्छी कल्पना शक्ति, कला में रुचि
- माता से स्नेह और सुख
- शांतिप्रिय और करुणामयी स्वभाव
अशुभ या पीड़ित चंद्रमा
- मनोविकार, मानसिक अस्थिरता
- भय, भ्रम, अवसाद, चिंता
- नींद की कमी, तनाव, अनिर्णय की स्थिति
- माता से दूरी या उनके स्वास्थ्य में बाधा
- अति भावुकता या हृदय रोग

चंद्र ग्रह के मंत्र और साधना
विनियोग:
ॐ अस्य चन्द्र मन्तस्य विरूपाक्ष, ऋषि:, गायत्री छन्द:, धरात्मजी चंद्रो देवता, ह्रां बीजम् हंस: शक्ति:, सर्वेष्ट सिद्धये जपे विनियोग: ।
इसके पश्चात् ध्यान करे
जपाभं शिवस्वेदजं हस्तपद्दैगर्दाशूल शक्ति करे धारयन्तम्।
अवंती समुत्थं सुभेषासनस्थं वराननं रक्तवस्त्रं समीडे॥
ध्यान के बाद एक बार पुन: ‘चन्द्र यंत्र’ का पूजन करे, पूर्ण आस्था के साथ ‘सफ़ेद माला’ या रुद्राक्ष माला से चन्द्र गायत्री मंत्र की एवं चन्द्र सात्विक मंत्र की एक-एक माला मंत्र जप करें.
चन्द्र गायत्री मंत्र :
॥ ॐ अमृताङगाय विद्दहे कलारूपाय धीमहि तन्नो सोम: प्रचोदयात् ॥
सात्विक चन्द्र मंत्र:
॥ॐ सों सोमाय नम: ॥
इसके पश्चात् चन्द्र तांत्रोक मंत्र की नित्य 23 माला 11 दिन तक जाप करे।
या
दधिशङ्खतुषाराभं क्षीरोदार्णवसम्भवम्।
यह मंत्र चंद्र देव को मानसिक शांति, सौभाग्य और मातृ सुख हेतु अर्पित किया जाता है।
नमामि शशिनं सोमं शम्भोर्मुकुटभूषणम्॥
चन्द्र तांत्रोक्त मंत्र:
॥ ॐ श्रां श्रीं श्रौं स: चन्द्रमसे नम: ॥
चन्द्र स्तोत्र:
ॐ श्र्वेताम्बर: श्र्वेतवपुः किरीट श्र्वेतद्दुतिर्दण्डधरो द्विबाहु: ।
चन्द्रोऽमृतात्मा वरद: शशाङक: श्रेयांसि महं प्रददातु देव: ॥1॥
दधिशङखतुषाराभं क्षीरोदार्णवसम्भवम् ।
नमामि शशिनंसोमंशम्भोर्मुकुटभूषणम् ॥2॥
क्षीरसिन्धुसमुत्पन्नो रोहिणीसहित: प्रभु : ।
हरस्य मुकटावास बालचन्द्र नमोस्तु ते ॥3॥
सुधामया यत्किरणा: पोषयन्त्योषधीवनम् ।
सर्वान्नरसहेतुं तं नमामि सिन्धुनन्दनम् ॥4॥
राके शंतारके शं च रोहिणी प्रियसुन्दरम् ।
ध्यायतां सर्वदोषघ्नं नमामीन्दुं मुहुर्मुह: ॥5॥
चंद्र ग्रह को शांत करने के अन्य उपाय
- सोमवार का व्रत रखें।
- जल में मोती डालकर उसे पीना या स्नान करना लाभकारी होता है।
- शिवलिंग पर दूध, चावल और शक्कर से अभिषेक करें।
- जरूरतमंद महिलाओं को सफेद वस्त्र, चावल और दूध का दान करें।
- गाय को रोटी व गुड़ खिलाएं।
- चंद्र ग्रह को मजबूत करने के लिए ‘मोती’ रत्न को चांदी में बनवाकर छोटी अंगुली में धारण करें (कुंडली के अनुसार)।
चंद्र ग्रह केवल एक खगोलीय पिंड नहीं बल्कि मनुष्य के भावनात्मक और मानसिक जीवन का मुख्य स्तंभ है। वैदिक ज्योतिष में इसकी भूमिका अत्यंत सूक्ष्म, परंतु गहन है। यदि चंद्रमा शुभ हो तो जीवन मधुर, संवेदनशील और सौम्य बनता है। यदि अशुभ हो, तो व्यक्ति मानसिक अस्थिरता, भय, अनिर्णय और दुःख में फँस सकता है। चंद्र की कृपा से मानसिक शांति, स्वास्थ्य और भावनात्मक स्थिरता प्राप्त होती है।