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मंगलवार, नवम्बर 4, 2025

ब्रह्मा जी आरती

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ब्रह्मा जी की आरती Brahma Ji Ki Aarti

आरती श्री ब्रह्मा जी की

पितु मातु सहायक स्वामी सखा, तुम ही एक नाथ हमारे हो।

जिनके कुछ और आधार नहीं, तिनके तुम ही रखवारे हो।

सब भाँति सदा सुखदायक हो, दुःख निर्गुण नाशन हारे हो।

प्रतिपाल करो सिगरे जग को, अतिशय करुणा उर धारे हो ।

भुलि हैं हम तो तुमको, तुम तो हमरी सुधि नाहिं बिसारे हो।

उपकारन को कछु अन्त नहीं, छिन ही छिन जो विस्तारे हो।

महाराज महा महिमा तुम्हरी, शुभ शान्ति निकेतन प्रेमनिधि, इस जीवन के तुम जीवन हो।

तुम सों प्रभु पाय ‘प्रताप’ हरि, मुझसे बिरले बुधवारे हो।

मन मन्दिर के उजियारे हो। इन प्राणन के तुम प्यारे हो। केहि के अब और सहारे हो।

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