27 C
Gujarat
गुरूवार, अगस्त 21, 2025

भूतनाथ सुप्रभातम्

Post Date:

Bhootanatha Suprabhatam

भूतनाथ सुप्रभातम् एक विशेष स्तोत्र है जो भगवान शिव के भूतनाथ रूप की प्रातःकालीन वंदना के रूप में रचा गया है। यह स्तोत्र भक्तों द्वारा शिवजी को प्रातःकाल जागृत करने, उनका स्वागत करने और दिन की शुभ शुरुआत के लिए पाठ किया जाता है।

Bhootnath Suprabhatam

भूतनाथ सुप्रभातम्

श्रीकण्ठपुत्र हरिनन्दन विश्वमूर्ते
लोकैकनाथ करुणाकर चारुमूर्ते।

श्रीकेशवात्मज मनोहर सत्यमूर्ते
श्रीभूतनाथ भगवन् तव सुप्रभातम्।

श्रीविष्णुरुद्रसुत मङ्गलकोमलाङ्ग
देवाधिदेव जगदीश सरोजनेत्र।

कान्तारवास सुरमानववृन्दसेव्य
श्रीभूतनाथ भगवन् तव सुप्रभातम्।

आशानुरूपफलदायक कान्तमूर्ते
ईशानजात मणिकण्ठ सुदिव्यमूर्ते।

भक्तेश भक्तहृदयस्थित भूमिपाल
श्रीभूतनाथ भगवन् तव सुप्रभातम्।

सत्यस्वरूप सकलेश गुणार्णवेश
मर्त्यस्वरूप वरदेश रमेशसूनो।

मुक्तिप्रद त्रिदशराज मुकुन्दसूनो
श्रीभूतनाथ भगवन् तव सुप्रभातम्।

कालारिपुत्र महिषीमदनाशन श्री-
कैलासवास शबरीश्वर धन्यमूर्ते।

नीलाम्बराभरण- शोभितसुन्दराङ्ग
श्रीभूतनाथ भगवन् तव सुप्रभातम्।

नारायणात्मज परात्पर दिव्यरूप
वाराणसीशशिव- नन्दन काव्यरूप।

गौरीशपुत्र पुरुषोत्तम बालरूप
श्रीभूतनाथ भगवन् तव सुप्रभातम्।

त्रैलोक्यनाथ गिरिवास वनेनिवास
भूलोकवास भुवनाधिपदास देव।

वेलायुधप्रिय- सहोदर शम्भुसूनो
श्रीभूतनाथ भगवन् तव सुप्रभातम्।

आनन्दरूप करधारितचापबाण
ज्ञानस्वरूप गुरुनाथ जगन्निवास।

ज्ञानप्रदायक जनार्दननन्दनेश
श्रीभूतनाथ भगवन् तव सुप्रभातम्।

अम्भोजनाथसुत सुन्दर पुण्यमूर्ते
शम्भुप्रियाकलित- पुण्यपुराणमूर्ते।

इन्द्रादिदेवगणवन्दित सर्वनाथ
श्रीभूतनाथ भगवन् तव सुप्रभातम्।

देवेश देवगुणपूरित भाग्यमूर्ते
श्रीवासुदेवसुत पावनभक्तबन्धो।

सर्वेश सर्वमनुजार्चित दिव्यमूर्ते
श्रीभूतनाथ भगवन् तव सुप्रभातम्।

नारायणात्मज सुरेश नरेश भक्त-
लोकेश केशवशिवात्मज भूतनाथ।

श्रीनारदादिमुनि- पुङ्गवपूजितेश
श्रीभूतनाथ भगवन् तव सुप्रभातम्।

आनन्दरूप सुरसुन्दरदेहधारिन्
शर्वात्मजात शबरीश सुरालयेश।

नित्यात्मसौख्य- वरदायक देवदेव
श्रीभूतनाथ भगवन् तव सुप्रभातम्।

सर्वेश सर्वमनुजार्जित सर्वपाप-
संहारकारक चिदात्मक रुद्रसूनो।

सर्वेश सर्वगुणपूर्ण- कृपाम्बुराशे
श्रीभूतनाथ भगवन् तव सुप्रभातम्।

ओङ्काररूप जगदीश्वर भक्तबन्धो
पङ्केरुहाक्ष पुरुषोत्तम कर्मसाक्षिन्।

माङ्गल्यरूप मणिकण्ठ मनोभिराम
श्रीभूतनाथ भगवन् तव सुप्रभातम्।

भूतनाथ सुप्रभातम् का महत्व

  • प्रातःकालीन वंदना: यह स्तोत्र शिवजी के भूतनाथ स्वरूप की प्रातःकालीन स्तुति है, जिसमें उन्हें जागृत करने और दिन की शुभ शुरुआत के लिए प्रार्थना की जाती है।
  • शिव के विभिन्न रूपों की स्तुति: इस स्तोत्र में शिवजी के विभिन्न रूपों और गुणों का वर्णन किया गया है, जैसे गंगाधर, जटावंत, पार्वतीसहित, भुजंगेंद्रभूषण, विषमेक्षण आदि।
  • वाराणसीपुराधीश की महिमा: यह स्तोत्र विशेष रूप से काशी (वाराणसी) के अधिपति, भगवान विश्वनाथ की महिमा का गुणगान करता है।

भूतनाथ सुप्रभातम् के पाठ और लाभ

भूतनाथ सुप्रभातम् का नियमित पाठ करने से भक्तों को मानसिक शांति, आध्यात्मिक उन्नति और शिवजी की कृपा प्राप्त होती है। यह स्तोत्र विशेष रूप से उन भक्तों के लिए उपयोगी है जो शिवजी के भूतनाथ रूप की आराधना करते हैं।

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

Share post:

Subscribe

Popular

More like this
Related

सर्व शिरोमणि विश्व सभा के आत्मोपम विश्वंभर के – Sarv Shiromani Vishv Sabhaake

सर्व शिरोमणि विश्व सभा के आत्मोपम विश्वंभर केसर्व-शिरोमणि विश्व-सभाके,...

सौंप दिये मन प्राण उसी को मुखसे गाते उसका नाम – Saump Diye Man Praan Useeko

सौंप दिये मन प्राण उसी को मुखसे गाते उसका...

भीषण तम परिपूर्ण निशीथिनि – Bheeshan Tamapariporn Nishethini

भीषण तम परिपूर्ण निशीथिनिभीषण तमपरिपूर्ण निशीथिनि, निविड निरर्गल झंझावात...

अनोखा अभिनय यह संसार

Anokha Abhinay Yah Sansarअनोखा अभिनय यह संसार ! रंगमंचपर...
error: Content is protected !!