बना दो बिमलबुद्धि भगवान लीरिक्स
Bana Do Bimalabuddhi Bhagavaan Lyrics
बना दो बिमलबुद्धि भगवान ।
तर्कजाल सारा ही हर लो, इरो सुमति-अभिमान ।
हरो मोह, माया, ममता, मद, मत्सर, मिथ्या मान ।।
कलुष काम-मति, कुमति हरो, हे हरे ! हरो अज्ञान ।
दम्भ, दोष, दुर्नीति हरणकर करो सरलता दान ।।
भोग-योग, अपवर्ग-स्वर्गकी हरो स्पृहा बलवान ।
चाकर करो चार चरणोंका नित ही निज जन जान ॥
भर दो हृदय भक्ति-श्रद्धासे, करो प्रेमका दान ।
कभी न करो दूर निज पदसे, मेटो भवका भान ।।



