27.5 C
Gujarat
मंगलवार, जुलाई 29, 2025

श्री बद्रीनाथजी की आरती  

Post Date:

श्री बद्रीनाथजी की आरती  Badrinath Aarti 

जय जय श्री बद्रीनाथ,
जयति योग ध्यानी।| टेक।|

निर्गुण सगुण स्वरूप, मेधवर्ण अति अनूप।
सेवत चरण स्वरूप, ज्ञानी विज्ञानी। जय…

झलकत है शीश छत्र, छवि अनूप अति विचित्र।
बरनत पावन चरित्र, स्कुचत बरबानी। जय…

तिलक भाल अति विशाल,
गल में मणि मुक्त-माल।

प्रनत पल अति दयाल,
सेवक सुखदानी। जय…

कानन कुण्डल ललाम,
मूरति सुखमा की धाम।

सुमिरत हों सिद्धि काम,
कहत गुण बखानी। जय…

गावत गुण शंभु शेष,
इन्द्र चन्द्र अरु दिनेश।

विनवत श्यामा हमेश,
जोरी जुगल पानी। जय…

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

Share post:

Subscribe

Popular

More like this
Related

प्रियतम न छिप सकोगे

प्रियतम न छिप सकोगे | Priyatam Na Chhip Sakogeप्रियतम...

राहु कवच

राहु कवच : राहु ग्रह का असर खत्म करें...

Rahu Mantra

Rahu Mantraराहु ग्रह वैदिक ज्योतिष में एक छाया ग्रह...

ऋग्वेद हिंदी में

ऋग्वेद (Rig veda in Hindi PDF) अर्थात "ऋचाओं का...
error: Content is protected !!