आयो चरन तकि सरन तिहारी – Aayo Charan Taki Saran Tihaaree
आयो चरन तकि सरन तिहारी । बेगि करी मोहि अभय, बिहारी ॥
जोनि अनेक फिरचो भटकान्यो । अब प्रभु-पद छाड़ों न मुगरी ॥
मो सम दीन, न दाता तुम सम । भली मिली यह जोरि हमारी ॥
में हौं पनिन, पतितपावन तुम । पावन करु, निज विरद संभारी ॥