26.2 C
Gujarat
शनिवार, दिसम्बर 21, 2024

वेदसारशिवस्तोत्रम् – श्री शंकराचार्यकृतम्

Post Date:

वेदसारशिवस्तोत्रम् Vedasarashiva Stotram

श्री शंकराचार्यकृत वेदसारशिवस्तोत्रम् एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्तोत्र है, जो आदि शंकराचार्य द्वारा रचित है। इस स्तोत्र का उद्देश्य शिव की महिमा का गुणगान करना और भक्ति के माध्यम से मोक्ष की प्राप्ति की दिशा में अग्रसर होना है। यह स्तोत्र वैदिक शिक्षाओं और शैव दर्शन का सार प्रस्तुत करता है, इसलिए इसे “वेदसारशिवस्तोत्रम्” कहा जाता है।

आदि शंकराचार्य, जो अद्वैत वेदांत के महान आचार्य माने जाते हैं, ने इस स्तोत्र की रचना की ताकि साधक वैदिक सिद्धांतों को समझ सकें और शिव की आराधना द्वारा आत्मा और परमात्मा के एकत्व का अनुभव कर सकें। यह स्तोत्र शिव के विभिन्न रूपों की महत्ता और उनके दिव्य गुणों को प्रकट करता है, जैसे कि शिव की अनंतता, सर्वशक्तिमानता और कृपालुता।

स्तोत्र की विशेषताएँ:

  1. भक्तिपूर्ण भाषा: वेदसारशिवस्तोत्रम् की भाषा अत्यंत सरल और भक्तिपूर्ण है, जिससे सामान्य जन भी इसे आसानी से समझ सकते हैं और शिव की आराधना कर सकते हैं।
  2. वैदिक ज्ञान का सार: यह स्तोत्र वेदों के सिद्धांतों और शिव की सर्वोच्चता का सार प्रस्तुत करता है, जिसमें सृष्टि, पालन, और संहार के रूप में शिव के विभिन्न रूपों का वर्णन है।
  3. शिव की महिमा: इस स्तोत्र में शिव को संहारकर्ता, पालनकर्ता और सृष्टिकर्ता के रूप में वर्णित किया गया है। शिव की महिमा, उनकी करूणा और भक्तों पर उनकी कृपा का गुणगान प्रमुखता से किया गया है।

वेदसारशिवस्तोत्रम् का महत्व:

यह स्तोत्र न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसे आत्मज्ञान और मोक्ष प्राप्ति के मार्गदर्शक के रूप में भी देखा जाता है। शंकराचार्य की रचनाएँ हमेशा अद्वैत सिद्धांत पर आधारित रही हैं, जो आत्मा और ब्रह्म के एकत्व को समझाने का प्रयास करती हैं। इसी प्रकार, इस स्तोत्र में भी शिव को ब्रह्म के रूप में माना गया है और उनकी आराधना के माध्यम से आत्मा की शुद्धि और मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग बताया गया है।

स्तोत्र के कुछ श्लोकों का सार:

  • शिव को निर्गुण और सगुण दोनों रूपों में पूजा जाता है। उनका कोई आदि या अंत नहीं है।
  • शिव ही सृष्टि के कारण हैं, और वही सृष्टि के अंत में इसे संहार करते हैं।
  • शिव की आराधना से जीवात्मा परमात्मा से एक हो जाती है और यह संसारिक मोह-माया से मुक्त हो जाती है।

वेदसारशिवस्तोत्रम् – श्री शंकराचार्यकृतम् Vedasarashivastotram – Sri Shankaracharyakritam

पशूनांपतिं पापनाशं परेशं
गजेन्द्रस्यकृत्तिं वसानं वरेण्यम् ।
जटाजूटमध्ये स्फुरद्गाङ्गवारिं
महादेवमेकं स्मरामि स्मरारिम् ॥१॥

महेशं सुरेशं सुरारातिनाशं
विभुं विश्वनाथं विभूत्यङ्गभूषम् ।
विरूपाक्षमिन्द्वर्कवह्नित्रिनेत्रं
सदानन्दमीडे प्रभुं पञ्चवक्त्रम् ॥२॥

गिरीशं गणेशं गले नीलवर्णं
गवेन्द्राधिरूढं गुणातीतरूपम् ।
भवं भास्वरं भस्मना भूषितांगं
भवानीकलत्रं भजे पञ्चवक्त्रम् ॥३॥

शिवाकान्त शंभो शशाङ्कार्धमौले
महेशान शूलिन् जटाजूटधारिन् ।
त्वमेको जगद्व्यापको विश्वरूपः
प्रसीद प्रसीद प्रभो पूर्णरूप ॥४॥

परात्मानमेकं जगद्बीजमाद्यं
निरीहं निराकारमोङ्कारवेद्यम् ।
यतो जायते पाल्यते येन विश्वं
तमीशं भजे लीयते यत्र विश्वम् ॥५॥

न भूमिर्न चापो न वह्निर्न वायु:
न चाकाशमास्ते न तन्द्रा न निद्रा ।
न चोष्णं न शीतं न देशो न वेषो
न यस्यास्तिमूर्तिः त्रिमूर्तिं तमीडे ॥६॥

अजं शाश्वतं कारणं कारणानां
शिवं केवलं भासकं भासकानाम् ।
तुरीयं तमःपारमाद्यन्तहीनं
प्रपद्ये परं पावनं द्वैतहीनम् ॥७॥

नमस्ते नमस्ते विभो विश्वमूर्ते
नमस्ते नमस्ते चिदानन्दमूर्ते ।
नमस्ते नमस्ते तपोयोगगम्य
नमस्ते नमस्ते श्रुतिज्ञानगम्य ॥८॥

प्रभो शूलपाणे विभो विश्वनाथ
महादेव शंभो महेश त्रिनेत्र ।
शिवाकान्त शान्त स्मरारे पुरारे
त्वदन्यो वरेण्यो न मान्यो न गण्यः ॥९॥

शम्भो महेश करुणामय शूलपाणे
गौरीपते पशुपते पशुपाशनाशिन् ।
काशीपते करुणया जगदेतदेक-
स्त्वं हंसि पासि विदधासि महेश्वरोऽसि ॥१०॥

त्वत्तो जगत् भवति देव भव स्मरारे
त्वय्येव तिष्ठति जगन्मृड विश्वनाथ ।
त्वय्येव गच्छति लयं जगदेतदीश
लिङ्गात्मके हर चराचरविश्वरूपिन् ॥११॥

Vedasara shiva stotram Video 

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

Share post:

Subscribe

Popular

More like this
Related

शनि कवचम् Shani Kavacham

शनि कवचम् एक विशेष मंत्र है, जो भगवान शनि...

शनि पंचकम Shani Panchakam

https://youtu.be/8F9OEeQcPwk?si=yXrF7yqSQBId_mL8शनि पंचकम एक प्रसिद्ध हिंदू स्तोत्र है, जो शनिदेव...

नक्षत्र शान्तिकर स्तोत्रम् Nakshatra Shantikara Stotram

https://youtu.be/ckHkT9eh5_4?si=Z5O34cvymPpinv3fनक्षत्र शान्तिकर स्तोत्रम् एक वैदिक स्तोत्र है, जिसका उपयोग...

नवग्रह ध्यान स्तोत्रम् Navagraha Dhyana Stotram

https://youtu.be/qwE-7mS8XkM?si=WfYCxSbdOAaJ4zPvनवग्रह ध्यान स्तोत्रम् Navagraha Dhyana Stotramनवग्रह ध्यान स्तोत्रम् एक...
error: Content is protected !!