26.1 C
Gujarat
रविवार, अप्रैल 20, 2025

संकष्टनाशनविष्णुस्तोत्रम् (पद्मपुराणान्तर्गतम्)

Post Date:

संकष्टनाशनविष्णुस्तोत्रम् (पद्मपुराणान्तर्गतम्) Sankasht Nashan Vishnu Stotram

नारद उवाच-

पुनर्दैत्यान् समायातान् दृष्ट्वा देवा सवासवाः ।
भयात्प्रकंपिताः सर्वे विष्णुं स्तोतुं प्रचक्रमुः ॥१॥

देवा ऊचुः-

नमो मत्स्यकूर्मादिनानास्वरूपै-
स्सदा भक्तकार्योद्यतायार्तिहन्त्रे ।
विधात्रादि सर्गस्थितिध्वंसकर्त्रे
गदाशंखपद्मारिहस्ताय तेऽस्तु ॥२॥

रमावल्लभायाऽसुराणां निहन्त्रे
भुजंगारियानाय पीताम्बराय ।
मखादि क्रिया पाककर्त्रे विकर्त्रे
शरण्याय तस्मै नतास्मो नतास्म ॥३॥

नमो दैत्यसन्तापितामर्त्यदुःखा-
चलध्वंसदंभोलये विष्णवे ते ।
भुजंगेशतल्पेशयानायाऽर्कचन्द्र-
द्विनेत्राय तस्मै नतास्मो नतास्म ॥४॥

संष्टनाशनं नाम स्तोत्रमेतत्पठेन्नरः ।
स कदाचित् न संकष्टैः पीड्यते कृपया हरेः ॥५॥

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

Share post:

Subscribe

Popular

More like this
Related

सूर्य आरती

Surya Dev Aarti सूर्य आरती हिंदू धर्म में सूर्य देव...

विघ्ननिवारकं सिद्धिविनायक स्तोत्रम्

Vighna Nivarakam Siddhivinayaka Stotramविघ्ननिवारकं सिद्धिविनायक स्तोत्रम् भगवान गणेश को...

गौरिकृतं हेरम्ब स्तोत्रम्

Gauri Kritam Heramba Stotram गौरिकृतं हेरम्ब स्तोत्रम् भगवान गणेश को...

मनु स्मृति

Manu Smritiमनु स्मृति, जिसे मनुस्मृति या मानव धर्मशास्त्र भी...