19.3 C
Gujarat
शनिवार, दिसम्बर 21, 2024

श्री गणेश द्वादश नाम स्तोत्रम्

Post Date:

श्री गणेश द्वादश नाम स्तोत्रम् भगवान गणेश के बारह नामों का स्तवन है, जो भक्तों के लिए अत्यंत मंगलकारी और शुभकारी माना जाता है। इस स्तोत्र का नियमित पाठ व्यक्ति के जीवन में समृद्धि, बुद्धि, सौभाग्य, और विघ्नों से मुक्ति प्रदान करता है। श्री गणेश द्वादश नाम स्तोत्र का वर्णन प्रमुख पुराणों में भी मिलता है, और यह श्लोक भगवान गणेश की पूजा में विशेष महत्व रखता है।

 शुक्लाम्बरधरं विश्णुं शशिवर्णं चतुर्भुजम् ।
प्रसन्नवदनं ध्यायेत्सर्वविघ्नोपशान्तयेः ॥ १॥

अभीप्सितार्थसिद्ध्यर्थं पूजितो यः सुरासुरैः ।
सर्वविघ्नहरस्तस्मै गणाधिपतये नमः ॥ २॥

गणानामधिपश्चण्डो गजवक्त्रस्त्रिलोचनः ।
प्रसन्नो भव मे नित्यं वरदातर्विनायक ॥ ३॥

सुमुखश्चैकदन्तश्च कपिलो गजकर्णकः ।
लम्बोदरश्च विकटो विघ्ननाशो विनायकः ॥ ४॥

धूम्रकेतुर्गणाध्यक्षो भालचन्द्रो गजाननः ।
द्वादशैतानि नामानि गणेशस्य तु यः पठेत् ॥ ५॥

विद्यार्थी लभते विद्यां धनार्थि विपुलं धनम् ।
इष्टकामं तु कामार्थी धर्मार्थी मोक्षमक्षयम् ॥ ६॥

विद्यारंभे विवाहे च प्रवेशे निर्गमे तथा ।
सङ्ग्रामे सङ्कटे चैव विघ्नस्तस्य न जायते ॥ ७॥

श्लोक का अर्थ:

  • सुमुखः: सुंदर मुख वाले
  • एकदन्तः: एक ही दांत वाले
  • कपिलः: तपस्वी, या हल्के लाल रंग के
  • गजकर्णकः: हाथी के कान वाले
  • लम्बोदरः: बड़े पेट वाले
  • विकटः: विकराल या भयंकर रूप वाले
  • विघ्ननाशः: विघ्नों का नाश करने वाले
  • गणाधिपः: गणों के अधिपति
  • धूम्रकेतुः: धूम्र की तरह ध्वज वाले
  • गणाध्यक्षः: गणों के नेता
  • भालचन्द्रः: जिनके मस्तक पर चन्द्रमा है
  • गजाननः: जिनका मुख गज के समान है

इन बारह नामों के पाठ या श्रवण से जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में आने वाले विघ्नों से मुक्ति मिलती है। इस स्तोत्र का पाठ विशेष रूप से निम्न अवसरों पर किया जाता है:

  • विद्यारंभ (शिक्षा की शुरुआत)
  • विवाह (शादी के अवसर पर)
  • प्रवेश (नए घर या स्थान में प्रवेश)
  • निर्गम (कहीं बाहर जाने से पहले)
  • संग्राम (किसी विवाद या संघर्ष के समय)
  • संकट (कठिन परिस्थितियों में)

श्री गणेश द्वादश नाम स्तोत्रम् का महत्व:

  1. बुद्धि और विद्या: यह माना जाता है कि इस स्तोत्र के पाठ से व्यक्ति की बुद्धि और स्मरण शक्ति में वृद्धि होती है।
  2. विघ्नों का नाश: भगवान गणेश को विघ्नहर्ता कहा जाता है, और इस स्तोत्र का पाठ करने से जीवन में आने वाले अवरोध दूर होते हैं।
  3. शुभकार्य में सफलता: विवाह, विद्यारंभ, गृहप्रवेश आदि शुभ कार्यों के पहले इसका पाठ करने से कार्य में सफलता मिलती है।
  4. आध्यात्मिक उन्नति: यह स्तोत्र व्यक्ति को आध्यात्मिक दृष्टि से भी उन्नति प्रदान करता है और भगवान गणेश की कृपा से साधक का आत्मबल बढ़ता है।

पाठ की विधि:

श्री गणेश द्वादश नाम स्तोत्रम् का पाठ करने से पहले भगवान गणेश का ध्यान करके उन्हें दूर्वा, मोदक और लाल पुष्प अर्पित करें। फिर शांत मन से इस स्तोत्र का पाठ करें। इसका पाठ प्रतिदिन करना शुभ माना जाता है, विशेषकर बुधवार को इसका प्रभाव विशेष होता है।

भगवान गणेश की आराधना के साथ इस स्तोत्र का पाठ करने से व्यक्ति जीवन के हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त करता है और हर प्रकार के संकटों से मुक्त हो जाता है।

 

 

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

Share post:

Subscribe

Popular

More like this
Related

शनि कवचम् Shani Kavacham

शनि कवचम् एक विशेष मंत्र है, जो भगवान शनि...

शनि पंचकम Shani Panchakam

https://youtu.be/8F9OEeQcPwk?si=yXrF7yqSQBId_mL8शनि पंचकम एक प्रसिद्ध हिंदू स्तोत्र है, जो शनिदेव...

नक्षत्र शान्तिकर स्तोत्रम् Nakshatra Shantikara Stotram

https://youtu.be/ckHkT9eh5_4?si=Z5O34cvymPpinv3fनक्षत्र शान्तिकर स्तोत्रम् एक वैदिक स्तोत्र है, जिसका उपयोग...

नवग्रह ध्यान स्तोत्रम् Navagraha Dhyana Stotram

https://youtu.be/qwE-7mS8XkM?si=WfYCxSbdOAaJ4zPvनवग्रह ध्यान स्तोत्रम् Navagraha Dhyana Stotramनवग्रह ध्यान स्तोत्रम् एक...
error: Content is protected !!