32.5 C
Gujarat
शुक्रवार, मई 9, 2025

ब्रह्मा जी आरती

Post Date:

ब्रह्मा जी की आरती Brahma Ji Ki Aarti

आरती श्री ब्रह्मा जी की

पितु मातु सहायक स्वामी सखा, तुम ही एक नाथ हमारे हो।

जिनके कुछ और आधार नहीं, तिनके तुम ही रखवारे हो।

सब भाँति सदा सुखदायक हो, दुःख निर्गुण नाशन हारे हो।

प्रतिपाल करो सिगरे जग को, अतिशय करुणा उर धारे हो ।

भुलि हैं हम तो तुमको, तुम तो हमरी सुधि नाहिं बिसारे हो।

उपकारन को कछु अन्त नहीं, छिन ही छिन जो विस्तारे हो।

महाराज महा महिमा तुम्हरी, शुभ शान्ति निकेतन प्रेमनिधि, इस जीवन के तुम जीवन हो।

तुम सों प्रभु पाय ‘प्रताप’ हरि, मुझसे बिरले बुधवारे हो।

मन मन्दिर के उजियारे हो। इन प्राणन के तुम प्यारे हो। केहि के अब और सहारे हो।

Share post:

Subscribe

Popular

More like this
Related

रश्मिरथी – प्रथम सर्ग – भाग 1

"रश्मिरथी" (अर्थात रश्मियों का रथारूढ़), महाकवि रामधारी सिंह 'दिनकर'...

रश्मिरथी

रश्मिरथीरश्मिरथी, जिसका अर्थ "सूर्य की सारथी(सूर्यकिरण रूपी रथ का...

विघ्ननिवारकं सिद्धिविनायक स्तोत्रम्

Vighna Nivarakam Siddhivinayaka Stotramविघ्ननिवारकं सिद्धिविनायक स्तोत्रम् भगवान गणेश को...

मारुती स्तोत्र

Maruti Stotraमारुति स्तोत्र भगवान हनुमान को समर्पित एक लोकप्रिय...
error: Content is protected !!