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मंगलवार, नवम्बर 4, 2025

स्वागत आबो प्यारे दर्शन दो नयनोंके तारे

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स्वागत आबो प्यारे दर्शन दो नयनोंके तारे | Svaagat Aabo Pyaare Darshan Do Nayanonke Taare

 

स्वागत ! स्वागत ! आबो प्यारे । दर्शन दो, नयनोंके तारे ॥

बालककी मधुरी हाँसीमें। मोहनकी मीठी बाँसीमें ।।

मित्रोंकी निःस्वार्थ प्रीतिमें। प्रेमीगणकी मिलन-रीतिमें ।।

नारीके कोमल अंतरमें । योगीके हृदाभ्यन्तरमें ।॥

वीरोंके रणभूमि-मरणमें। दीनोंके संताप-हरणमें ||

कर्मठके कर्म-प्रबाहमें । साधकके सात्त्विक उछाहमें ।।

भक्तोंके भगवान्-शरणमें । ज्ञानवान्के आत्मरमण में ||

संतोंकी शुचि सरल भक्तिमें । अग्निदेवकी दाह-शक्ति में ।।

गंगाकी पुनीत धारामें । पृथ्वी-पवन, व्योम-तारामें ।।

भास्करके प्रखर प्रकाशमें । शशधर के शीतल विकासमें ।।

कोकिलके कोमल सुस्वरमें । मत्त मयूरी केका रवमें ॥

विकसित पुष्पोंकी कलियोंमें। कालेनखराले अलियोंमें ।।

सबमें तुम्हें देखते सारे । पर न पकड़ पाते, मतवारे ॥

निज पहचान बता दो प्यारे। छिपना छोड़ो, जग उजियारे ॥

स्वागत ! स्वागत ! आओ प्यारे ! मेरे जीबनके ‘ध्रुवतारे’ ।।

रागदेशी खमाच (Raag Deshee Khamaach)
रचनाश्री विष्णु चरण वन्दन (Shree Vishnu Charan Vandan)
भजनश्री विष्णु भजन (Shree Vishnu Bhajan)

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