19 C
Gujarat
बुधवार, दिसम्बर 3, 2025

प्रियतम न छिप सकोगे

Post Date:

प्रियतम न छिप सकोगे | Priyatam Na Chhip Sakoge

प्रियतम ! न छिप सकोगे, चाहे सो वेष घर लो ।

अब हो चुकी है मुझको, पहचान वह तुम्हारी ।।

हूँदा तुम्हें अभीतक, मंदिर या मस्जिदोंमें ।

पर देख तौ न पाया वह माधुरी पियारी ।।

जिसने बताया जैसे, वैसे ही ढूँदा मैंने ।

भटका, कहीं न दीखे, चैतन्य ! चित्तहारी ।।

बस, बेतरह हराया, आया जो पास मेरे ।

तुमको बता-बताकर, शब्दोंकी मार मारी ॥

पर, देखकर न तुमको, था सोचता यों मनमें ।

है वा नहीं है जगमें सत्ता कहीं तुम्हारी ।।

संदेह जब यों होता, झाँकी-सी सार जाते ।

तिरछी नज़रसे हँसकर, छिपते तुरत बिहारी ! ॥

चिजली-सी दौड़ जाती, सन्-सन् शरीर करता ।

होतीं थीं इन्द्रियाँ सब, प्रखर प्रकाशकारी ।।

तब दीखता था मुझको, फैला प्रकाश सबमें ।

प्राणेश ! बस, तुम्हारा, वह दिव्य मोदकारी ॥

आँधी-सी एक आती, धन-कीर्ति-कामिनीकी ।

सारा प्रकाश ढकता, उस तमसे अंधकारी ।।

आ-आके इस तरह तुम, यों बार-बार जाते ।

मुझको न थी तुम्हारी पहचान पुण्यकारी ॥

आँखोंमें बैठ करके, तुम देखते हो सबको ।

कानोंमें बैठ सुनते तुम शब्द सौख्यकारी ॥

नाकोंसे गंध लेते, रसनासे चालते तुम ।

हो स्पर्श तुम ही करते, लीला विचित्र-कारी ॥

प्राणौमें, चित्त-मनमें, मसिमें, अहंमें, तूमें।

सबमें पसार करके तुम खेलते खिलारी ॥

बेढब नकाबपोशी रक्खी है सीख तुमने ।

अंदर समाके सबके छिपते, अजीब यारी ॥

जिसको दिखाया तुमने परदा हटाके अपना ।

वह रूप-रंग अनोखा, प्रेमोन्मन्त-कारी ॥

फिर भूलता नहीं वह, औ भूल भी न सकता ।

पहचान नित्य होती पारस्परिक तुम्हारी ॥

आँधी कभी न आती, आँखें न चौंधियातीं ।

वह दिव्य दृष्टि पाकर, होता सदा सुखारी ॥

सुख-दुःख, जय-पर। जय, तम-तेज, यश-अयशमें ।

दिखती उसे सभीमें छर्छाच मोहिनी तुम्हारी ॥

फिर देखता वह तुमसे सारा जगत भरा है।

अपनी जरा-सी सत्ता वह देखता, न न्यारी ॥

तुम हो समाये सबमें, वह है समाया तुममें ।

भय-भेद-भ्रांति मिटतो उस एक छनमें सारी ॥

रागगज़ल(Gazal)
रचनाश्री विष्णु चरण वन्दन ( Shree Vishnu Charan Vandan )
भजनश्री विष्णु भजन ( Shree Vishnu Bhajan )

Share post:

Subscribe

Popular

More like this
Related

अष्टादश शक्तिपीठ स्तोत्रम्

अष्टादश शक्तिपीठ स्तोत्रम्अष्टादश शक्तिपीठ स्तोत्रम् एक अत्यंत पवित्र...

लक्ष्मी शरणागति स्तोत्रम्

लक्ष्मी शरणागति स्तोत्रम्लक्ष्मी शरणागति स्तोत्रम् (Lakshmi Sharanagati Stotram) एक...

विष्णु पादादि केशांत वर्णन स्तोत्रं

विष्णु पादादि केशांत वर्णन स्तोत्रंलक्ष्मीभर्तुर्भुजाग्रे कृतवसति सितं यस्य रूपं...

द्वादश ज्योतिर्लिंङ्ग स्तोत्रम्

द्वादश ज्योतिर्लिंङ्ग स्तोत्रम्द्वादशज्योतिर्लिंगस्तोत्र एक प्रसिद्ध स्तोत्र है जिसमें भगवान...
error: Content is protected !!