28.6 C
Gujarat
मंगलवार, दिसम्बर 2, 2025

अब तो कुछ भी नहीं सुहावै | Ab to Kuchh Bhee Nahin Suhaavai

Post Date:

अब तो कुछ भी नहीं सुहावै एक तु ही मन भावै है

Ab to Kuchh Bhee Nahin Suhaavai Ek Tu Hee Man Bhaavai Hai

( मारवाड़ी बोली )

अब तो कुछ भी नहीं सुहावै, एक तु ही मन भावै है ।

तनै मिलणनै आज मेरो हिवड़ो उझल्यौ आवै है ।

तड़फ रह्यो ज्यूँ मछली जळ बिन, अब लूँ क्यूँ तरसावै है । !

दरस दिखाणै मैं देरी कर क्यूँ अब और सतावै है ! ॥ १ ॥

पण, जो इसी बातमैं तेरो चित राजी होतो होवै ।

तौ कोई भी आँट नहीं, मनै चाहे जितणो दुख होवै ॥

तेरै सुखसैं सुखिया हूँ मैं, तेरे लिये प्राण मेरी खातर प्रियतम !

अपणे सेवै । सुखमैं मत काँटा बोवै ॥ २ ॥

पण या निश्चै समझ, तर्ने मिलणैकी ख. तर मेरा प्राण ।

छिन-छिन मैं व्याकुल होबै है, दरसणकी है भारी टाण ॥

बाँध तुड़ाकर भाग्या चावै, मानै नहीं किसीकी काण ।

आहूँ पहर उड्या सा डोलै, पलक-पलककी समझै हाण ।। ३ ।।

पण प्यारा ! तेरी राजी मैं है नित राजी मेरो मन ।

प्राणाधिक, दोनूँ लोकाँको यूँ ही मेरो जीवन-धन !!

नहीं मिलै तो तेरी मरजी, पण तन-मन तेरै अरपन ।

लोक-चेद है लूँ ही मेरो, यूँ ही मेरो परम रतन || ४ ||

चातककी ज्यूँ सदा उडीकूँ कदे नहीं मुँहनै मोड़ ।

दुख देवै, मारै, तड़फावै, तो भी नेह नहीं तोड़ ॥

तरसा-तरसाकर जी लेबै तो भी तनै नहीं छोड़ें ।

झाँकूँ नहीं दूसरी कानी तेरैमैं ही जी जोड़ें ॥ ५ ॥

Share post:

Subscribe

Popular

More like this
Related

अष्टादश शक्तिपीठ स्तोत्रम्

अष्टादश शक्तिपीठ स्तोत्रम्अष्टादश शक्तिपीठ स्तोत्रम् एक अत्यंत पवित्र...

लक्ष्मी शरणागति स्तोत्रम्

लक्ष्मी शरणागति स्तोत्रम्लक्ष्मी शरणागति स्तोत्रम् (Lakshmi Sharanagati Stotram) एक...

विष्णु पादादि केशांत वर्णन स्तोत्रं

विष्णु पादादि केशांत वर्णन स्तोत्रंलक्ष्मीभर्तुर्भुजाग्रे कृतवसति सितं यस्य रूपं...

द्वादश ज्योतिर्लिंङ्ग स्तोत्रम्

द्वादश ज्योतिर्लिंङ्ग स्तोत्रम्द्वादशज्योतिर्लिंगस्तोत्र एक प्रसिद्ध स्तोत्र है जिसमें भगवान...
error: Content is protected !!