20.9 C
Gujarat
गुरूवार, दिसम्बर 25, 2025

स्याम मोरे ढिगतें कबहुँ न जावै | Syam More Dhigaten Kabahun Na Javai

Post Date:

स्याम मोरे ढिगतें कबहुँ न जावै

Syam More Dhigaten Kabahun Na Javai

स्याम मोरे ढिगतें कबहुँ न जावै ।

कहा कहूँ सखि ! गैल न छाड़े, जित जाऊँ तित घावै ।।

गैया दुहत गोद आ बैठे, दूध-धार पी जावै ।

दही मथत नवनी लेबेकौं मटकी माहिं समावै ॥

रोटी करत आइ चौकामैं, ऊधम अमित मचावै ।

जेंवत बेर संग आ बैठै, माल-माल गटकावै ॥

सखियन सँग बतरात आइ सो पंचराज बनि जावै ।

मुरली मधुर बजाय देखु सखि, मोहन हमहिं रिझावै ॥

सोबत समै सेज आ पौदै, गृह-स्वामी बनि जावै ।

स्वलप निंदरिया बीच सपनमहूँ, माधुरि-रूप दिखावै ।।

तदपि न बरजत बनै ताहि सखि, चित्त अति ही सुख पावै

बारहिं बार निहारि चंद्रमुख, अंतर अति हुलसावै ||

Share post:

Subscribe

Popular

More like this
Related

गोकुल अष्टकं

गोकुल अष्टकं - Shri Gokul Ashtakamश्रीमद्गोकुलसर्वस्वं श्रीमद्गोकुलमंडनम् ।श्रीमद्गोकुलदृक्तारा श्रीमद्गोकुलजीवनम्...

अष्टादश शक्तिपीठ स्तोत्रम्

अष्टादश शक्तिपीठ स्तोत्रम्अष्टादश शक्तिपीठ स्तोत्रम् एक अत्यंत पवित्र...

लक्ष्मी शरणागति स्तोत्रम्

लक्ष्मी शरणागति स्तोत्रम्लक्ष्मी शरणागति स्तोत्रम् (Lakshmi Sharanagati Stotram) एक...

विष्णु पादादि केशांत वर्णन स्तोत्रं

विष्णु पादादि केशांत वर्णन स्तोत्रंलक्ष्मीभर्तुर्भुजाग्रे कृतवसति सितं यस्य रूपं...
error: Content is protected !!